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बुधवार, 3 मार्च 2021

मार्च 03, 2021

Yahoo क्या है और और किसने बनाया है?

यदि आपसे कोई पूछे की ये Yahoo क्या है (What Is Yahoo in Hindi)? तब इसका आसान सा जवाब है की Yahoo एक search engine होता है, ठीक Google के ही तरह यह भी users के queries को पुरे internet में खोजकर उनके सामने search results में प्रदर्शित करता है. वैसे अगर आपको ये जानना है की Yahoo का इतिहास क्या है, yahoo account को verify कैसे करते है, ये काम कैसे करता है, तब शायद आपको यह article Yahoo क्या है पूरी तरह से पढ़ना होगा. क्यूंकि मुझे यकीन है की अगर आप इस article को ठीक ढंग से पूरा पढ़ लेंगे तब यह post ख़त्म होने तक आपके मन में उठ रहे सभी सवालों के जवाब आपको मिल जांएगे.

Yahoo के बारे में आप सबने सुन रखा होगा और आप याहू को अच्छे से जानते होंगे. आपमें से कुछ लोग आज भी याहू का इस्तेमाल करते होंगे. आपको बता दे की याहू एक Search Engine है, जिसमे आप Google की तरह कुछ भी सर्च कर सकते है. Google की तरह याहू भी एक लोकप्रिय Search Engine है.


लेकिन वो बात अलग है की आज Google ने Yahoo को बहुत बुरी तरह से पछाड़ दिया है. आज सबकी जुबान पे सिर्फ और सिर्फ Google का ही नाम है. लेकिन एक वक्त Yahoo भी सफलता के पायदान पर था. आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे की याहू क्या है, इसका इतिहास क्या है और Yahoo के अकाउंट को कैसे वेरीफाई करते है?

याहू क्या है (What Is Yahoo in Hindi)


Yahoo का full form होता है “Yet Another Hierarchical Officious Oracle “.Yahoo एक Search Engine है जिस पर आप कुछ भी सर्च कर सकते है. याहू को 1995 में लांच किया गया था और आज Yahoo, Google और Bing के बाद सबसे ज्यादा search किया जाने वाला Search Engine है. Yahoo को आप Search Engine से ज्यादा एक directory मान सकते है, क्योंकि याहू सर्च के अलावा अपने यूजर्स को 40 से अधिक सेवाएं देता है.

याहू पर आप Calendar, News, Images, Finance, Gadget, Real State, Yahoo Mail, Music, Sports, Movies आदि सभी के बारे में जानकारी हासिल कर सकते है. Gmail की तरह याहू की भी एक मेल एर्विस है जिसे Yahoo Mail कहा जाता है. याहू अपनी Question-Answer सर्विस के लिए लोगों में काफी लोकप्रिय हुआ है.

Yahoo का इतिहास

Yahoo की शुरुआत 1994 में स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के दो स्टूडेंट जेरी यांग (Jerry Yang) और डेविड फिलो (David Filo) ने बनाया था और एक साल बाद यानी 1995 में इए याहू के नाम से लांच किया गया था. याहू ने सबसे पहले एक कमर्शियल Website लांच की जिसमे न्यूज़ के माध्यम से खबर और विज्ञापन चलते थे.


कुछ ही सालों में Internet सर्फिंग वाले लोगों के लिए याहू सबसे बेहतर ठिकाना था. लोग याहू पर ही सब कुछ सर्च किया करते थे. याहू कम्पनी का मुख्य ऑफिस कैलीफोर्निया में है. याहू का पूरा नाम “Yet Another Hierarchical Officious Oracle” है. पहले याहू का नाम “Jerry’S Guide To The World Wide Web” था.


Yahoo की मुर्खता बना उसके पतन का कारण

एक समय ऐसा था जब याहू ने Google को खरीदने के दो मौके गंवा दिए थे. जब Google ने याहू को उसे खरीदने का ऑफर दिया तब याहू ने दो बार Google के ऑफर को ठुकरा दिया और आज अंजाम आप देख ही सकते है याहू को आज कोई पूछता भी नहीं और Google के पीछे लोग पागल हुए जा रहे है.

याहू ने Google के ऑफर को यह कहकर ठुकरा दिया था की वे नहीं चाहते की याहू से लोग किसी और Search Engine पर जाए. उस समय Google सिर्फ एक Search Engine था जो कुछ ही सेकंड में यूजर को रिजल्ट दिखा देता था.


उस समय Yahoo को Google की 50 लाख डॉलर की रकम ज्यादा लगी थी और आज Google 522 अरब डॉलर से भी ज्यादा की कम्पनी है. याहू अपने यूजर तक सिमित रहना चाहता था और Google पुरे वर्ल्ड पर राज करना चाहता था और हुआ भी ऐसा ही आज Google को लोग सबसे लोकप्रिय Search Engine मानते है और कुछ भी सर्च करना हो Google पर ही सर्च करते है.

Facebook खरीदने का मौका भी गंवा दिया

2006 में Google की तरह Yahoo के पास फेसबुक खरीदने का भी मौका था. तब याहू ने फेसबुक के लिए एक अरब डॉलर की बोली लगाई थी, लेकिन अपने शेयरों में आई गिरावट के कारण उसने इसे घटाकर 85 करोड़ डॉलर कर दिया.
इस पर फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने दोबारा सोचा और डील से पीछे हट गये और आज फेसबुक का मार्किट 250 अरब डॉलर से ज्यादा का है. याहू ने यह दो सबसे बड़ी गलियाँ की जो बाद में उसी के पतन का कारण बनी.


Microsoft का ऑफर भी ठुकरा दिया

याहू चाहता तो 2008 में माइक्रोसॉफ्ट का ऑफर लेकर अपनी बुरी स्थिति टाल सकता था. Google की चुनोती से निपटने में लगा माइक्रोसॉफ्ट याहू के लिए 44 अरब डॉलर देने को तैयार था लेकिन याहू के बोर्ड को यह रकम काफी कम लगी और अब याहू सिर्फ 5 अरब डॉलर में वेराइजन की हो गयी.

क्या रहा है अब याहू के पास ?

कुल मिलाकर देखे तो याहू लगभग खत्म ही हो गया और उसका अस्तित्व अब इतिहास बन गया है. बस अब याहू जापान में 33.5 स्टेक और चीन की दिग्गज E-Commerce कम्पनी अलीबाबा में 15% की हिस्सेदारी रह जाएगी.


Yahoo के अकाउंट को वेरीफाई कैसे करें? How To Verify Yahoo Account

यहाँ पर मैंने कुछ Steps बताये हुए हैं जिसका उपयोग कर आप Yahoo के account को Verify करवा सकते हैं.

– सबसे पहले https://login.yahoo.com/ इस Website पर जाए.

– अब Don’T Have And Account Sign Up पर क्लिक करें.

– Sign Up पर क्लिक करने के बाद First Name, Last Name, Email Address, Password, Mobile Number, Date Of Birth आदि भरे और Continue पर क्लिक करें.

– अब एक बॉक्स में आपके Mobile Number होंगे जो की आपने Sign Up करते समय डाले थे और अब आप Texe Me An Account Key पर क्लिक करें.

– अब आपके Mobile पर एक टेक्स्ट मेसेज आएगा जिसे आप यहां डाले और Verify पर क्लिक करें.

– इस तरह आपका याहू अकाउंट वेरीफाई हो जायेगा.


Conclusion

मुझे आशा है की मैंने आप लोगों को याहू क्या है (What is Yahoo in Hindi)? के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को याहू कैसे काम करता है के बारे में समझ आ गया होगा. यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं.



शनिवार, 27 फ़रवरी 2021

फ़रवरी 27, 2021

ईमेल क्या हैं और ईमेल कैसे भेजते है हिंदी में जानकारी

     

Internet का उपयोग करने वाले लगभग सभी लोग ईमेल के बारे में बेसिक जानकारी रखते है. ये लोग जानते है कि ईमेल क्या है? Email Account कैसे बनाते है? Email Address का मतलब क्या होता है? Email ID बनाने का तरीका क्या है?

 


यदि आप भी Email Account बनाने का तरीका जानते है, तो आपको बधाई. और यदि आप ईमेल का मतलब नही जानते है, तो आपको चिंता करने की कोई जरूरत नही है. क्योंकि इस लेख में हम आपको Email के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं.

ईमेल क्या होता हैं – What is Email in Hindi?

Email इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों द्वारा किसी नेटवर्क (इंटरनेट) के जरिए संदेश भेजने-प्राप्त करने का एक साधन है. Email का मतलब Electronic Mail होता है. कार्यालयों, अदालतों, स्कूलों, कॉलेजों आदि जगहों पर Email को सूचना भेजने तथा प्राप्त करने का आधिकारीक तरीका बना लिया गया है.

यह कागज पर लिखी गई चिट्ठी के समान ही होता है. बस कागज के पत्र (Letter) और Email में इतना ही अंतर होता है कि एक कागज के पत्र को कागज पर लिखा जाता है, और Email को हमे Computer पर लिखना पडता है.

E-mail भी एक साधारण पत्र की तरह ही एक पत्र होता है. आप एक साधारण पत्र की कल्पना करीए और पता करिए हम उसे लिखते समय क्या-क्या काम करते है?

हम साधारण पत्र लिखते समय उसमें प्राप्त करने वाले का नाम (Receiver), पता (Address), संदेश (Message) और नीचे भेजने (Sender) वाले का नाम लिखते है. फिर उसे भेजने के लिए नदजीक के Post Office में जाकर उसे Post Box में डाल देते है. और पत्र प्राप्त करने वाले के पास कुछ दिनों में चला जाता है.

बिल्कुल इसी तरह ही Email में भी प्राप्त करने वाले का नाम (Receiver), पता (E-mail ID), और संदेश (Body) को लिखना पडता है. Email में भेजने वाले का नाम अलग से नही लिखना पडता है. इसमें भेजने वाले का नाम Automatic संदेश पाने वाले के पास चला जाता है.

और इसके बाद Send पर क्लिक करना पडता है. और Email कुछ ही सेकण्डों में भेजने वाले के पास पहुँच जाता है.

इसकी गती साधारण पत्र से Email को अलग बनाती है. इसके अलावा भी बहुत ऐसे कारण है, जो एक Email को एक साधारण पत्र से उपयोगी बनाती है.

आप इंटरनेट के द्वारा मिनटों में अपने संदेश को भेज तथा प्राप्त कर सकते है. यह सुविधा अधिकतर Email Service Providers द्वारा मुफ्त दी जाती है.

आपको सिर्फ इंटरनेट और एक इंटरनेट चलाने वाले Device, जैसे, Computer, Mobile Phone, Laptop आदि की आवश्यकत पडती है.

दुनियाभर में लोग एक-दूसरे को Mails Send तथा Receive करते है. आप अपने दोस्त, परिवारजन, सहकर्मी, बॉस आदि को Email Send कर सकते है.

इसके लिए बस आपको एक Email ID, Internet और एक Email Program की जरूरत होती है. जिस व्यक्ति के पास Email ID है, उसे कोई भी व्यक्ति जिसके पास भी Email ID है, Mails Send तथा Receive कर सकता है.

अब, आपके मन में भी यही प्रशन चल रहा होगा कि आखिर यह Email ID क्या है? Email ID कैसे बनाते है? ईमेल आई डी की जरूरत EMail भेजने और प्राप्त करने के लिए क्यों होती है?

आपको ज्यादा सोचने की जरूरत नही है. क्योंकि थोडी ही देर में आप Email ID से परिचित हो जाएंगे. और जान पाएंगे कि एक Email ID क्या होती है? Email ID की जरूरत क्यों पडती है?


        खुद की ईमेल आइडी बनाने के लिए क्या चाहिए?


Email ID बनाने से पहले ये जान लेना जरूरी है कि इसे बनाने के लिए क्या-क्या चाहिए? हमें किन-किन चीजों की जरूरत पड़ने वाली है.

जैसा आपको ऊपर बताया कि ईमेल सर्विस मुफ्त है और ईमेल भेजने तथा प्राप्त करने के लिए एक भी रुपया खर्च नही करना पड़ता है. बस, हमें कुछ आवश्यक Email Tools की जानकारी होना चाहिए. जिनके नाम नीचे बताए गए है.

  • एक कम्प्यूटर या स्मार्टफोन
  • इंटरनेट कनेक्शन
  • ईमेल प्रोवाइडर
  • थोड़ा-सी डिजिटल साक्षरता

#1 कम्प्यूटर या स्मार्टफोन

सबसे पहले आपको एक कम्प्यूटर चाहिए. अगर, आपके पास कम्प्यूटर की सुविधा नही है तो आप स्मार्टफोन से भी काम चला सकते है.

आप, गूगल करिए कि “मोबाइल फोन से ईमेल आइडी कैसे बनाते है” तो आपको जवाब मिल जाएगा.


#2 इंटरनेट कनेक्शन

ईमेल एक ऑनलाइन सर्विस है. इसलिए, इसे इस्तेमाल करने के लिए इंटरनेट की जरूरत पड़ती है. आपका डिवाइस किसी ना किसी नेटवर्क से कनेक्ट होना चाहिए.

आपके स्मार्टफोन में जो इंटरनेट डेटा पैक है उसी से आप ईमेल आइडी बना लेंगे. आपको नया इंटरनेट कनेक्शन लेने की कोई जरूरत नहीं है.

#3 ईमेल प्रोवाइडर

अब बारी आती है आप ईमेल अकाउंट बनाने के लिए किस कंपनी अथवा सर्विस प्रोवाइडर का इस्तेमाल करना पसंद करेंगे.

आपकी जानकारी के लिए बता दें. एक ईमेल सर्विस प्रोवाइडर डाकघर की भांती काम करता है.

आपको ईमेल आइडी देता है, भेजे गए ईमेल संभालता है, आए हुए ईमेल दिखाता है आदि.

आपकी सहायता के लिए हम यहां कुछ लोकप्रिय वेबमेल सर्विस प्रोवाइडर के नाम बता रहे है.


                 {5 Best Webmail Providers in Hindi}

  • Gmail – दुनिया का एक लोकप्रिय फ्री ईमेल प्रोवाइडर है जीमेल. यह गूगल की सर्विस है. इसलिए, इसका उपयोग दुनियाभर में मौजूद इंटरनेट यूजर्स के अलावा बड़-बड़े बिजनेस ऑनर ईमेल आइडी बनाने के लिए करते है.
  • Yahoo! Mail – यह सर्विस आजकल भूल अवस्था में चल रही है. लेकिन, इसके फीचर और सर्विस आज की जरूरत के अनुसार ही काम कर रही है. इसलिए, याहू! मेल भी आपके लिए ईमेल आइडी बनाने के लिए बढ़िया टूल है.
  • Outlook – माइक्रोसॉफ्ट द्वारा निर्मित यह ईमेल सर्विस ज्यादातर पेशेवर तथा बिजनेस द्वारा ईमेल क्लाइंट के रूप में इस्तेमाल की जाती है. लेकिन, आउटलुक आपको पर्सनल ईमेल आइडी बनाने की मुफ्त सुविधा भी देता है.
  • Zoho Mail – जोहो मेल भी ईमेल आइडी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • Rediffmail – यदि आप अपने दोस्तों से अलग दिखना चाहते है तो आप रेडिफमेल का इस्तेमाल कर सकते है. बाकि सेवाएं लगभग समान ही है बस पीछे का नाम बदल जाता है.

Email ID क्या होती है और कैसे बनाते हैं?

हम एक-दूसरे को भौतिक रूप से उसके नाम और उसके रहने का स्थान यानि पता से जानते है. हमे जब किसी व्यक्ति विशेष से कोई काम पडता है. तो हम उस व्यक्ति विशेष से उसके रहने के स्थान पर संपर्क करते है.

ठीक इसी तरह से Email भेजने तथा प्राप्त करने के लिए भी एक Address की जरूरत होती है. जिस पर Mails आएं और यहाँ से चले जाएं. इस Address को नेटलोक में Email ID कहते है. और एक Email ID बनाने के लिए एक E-mail A/c बनाना पडता है.

Email Accouont हम किसी Email Program के माध्यम से Free में बना सकते है. Gmail, Outlook, Yahoo Mail, Hotmail, Reddifmail आदि बेहतरीन Email Programs है. आप इनमें से किसी एक या अधिक के द्वारा अपने लिए Email A/c बना सकते है.

जब आपका Email A/c बन जाता है, तो Email Program आपको एक Email ID देते हैं. जैसे, tutorialpandit@gmail.com एक Mail ID है. इस Email  ID को Google के Mail Program Gmail के द्वारा बनाया गया है.


                                   यह एक ईमेल आईडी


एक Email ID में मुख्य रूप से दो भाग होते है. इनसे मिलकर एक Email ID बनती है. इन्हे आप ऊपर देख सकते है. पहला भाग Username होता है. और दूसरा भाग Domain Name कहलाता है. इनके बारे में अधिक जानकारी नीचे दी गई है.

1. Username

यूजरनेम, Email ID का @ से पहले वाला भाग होता है. इसका इस्तेमाल Email Account में Log in करने के लिए किया जाता है. तथा यह उस व्यक्ति की पहचान होती है. जिसे Email भेजते है और प्राप्त करते है. इसे हम अपनी सहुलियत के अनुसार चुनते है. हमारे उदाहरण में tutorialpandit यूजरनेम है.

2. Domain Name

Email Address में @ के बाद वाला भाग Domain Name होता है. यह उस Server/Computer का नाम होता है, जहाँ से Internet के द्वारा हमारी सुचनाओं का आदान-प्रदान होता है.

ऊपर दिखाए गए Email Address में gmail.com एक Domain Name है. जिसमें एक Top Level Domain भी जुडा हुआ है. यहाँ .com एक Top Level Domain है.

हमारे बताए गए Email Address में gmail Service Provider है. और .com Service Provider के प्रकार को दर्शाता है. जैसे, यहाँ gmail एक Commercial सेवा प्रदाता है.

3. @ का चिन्ह

इसे AT बोला जाता है. इसे Email Address में Username और Domain Name को अलग करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह Email ID का उपयोगी हिस्सा होता है


ईमेल के फायदें – Benefits of Email in Hindi

ईमेल का लाभ सभी प्रकार के लोगों को होता है. और आप इसका किस प्रकार इस्तेमाल करते है. यह बात आपके ऊपर निर्भर करती है. यहाँ हम कुछ सामान्य फायदों के बारे में बता रहे है.

1. संप्रेषण

ईमेल का सबसे पहला काम है संप्रेषण यानि कम्युनिकेशन. और इसे एक-दूसरे से संपर्क करने के लिए ही विकसित किया गया है.


तो पहला फायदा यही है हम इंटरनेट के द्वारा हमसे दूर रहने वाले लोगों से भी बातचीत कर सकते है. और उनका हाल-चाल पूछ सकते है. तथा अपना बता सकते है.

2. तुरंत जवाब

चिट्ठी भेजने और उसका जवाब मिलने तक महिनों लग जाते थे. जिसमें अब तो काफि सुधार हुआ है. मगर, ईमेल के द्वारा आप तुरंत अपना संदेश भेज सकते है और कुछ ही देर में जवाब भी प्राप्त कर सकते है.

अब, आपको पुनित से बात करने के लिए उसके पास जाने की कोई जरुरत नही हैं. आप ईमेल के द्वारा ही अपनी बात उसके पास पहुँचा सकते है. और उसके विचार ले सकते है.

3. लिखित दस्तावेज

ईमेल को आप कागज की तरह जला नही सकते है. और ना ही इसके खोने का डर होता हैं. आपके द्वारा भेजे गए प्रत्येक ईमेल की एक कॉपी Mail Server पर सुरक्षित रहती हैं.

इस ईमेल कॉपी को आप कभी भी जब चाहे तब देख सकते हैं. और ईमेल को कागज पर लिखि गई चिट्ठी के बराबर ही मान्यता प्राप्त है.


4. सस्ता

ईमेल का खर्चा ना के बराबर होता हैं. क्योंकि आपको लिखने के लिए कागज तथा पेन की जरूरत नहीं हैं. और ना ही आप डाकिया का खर्च देने वाले हैं.

ईमेल भेजने और प्राप्त करने के लिए आपके बस इंटरनेट डाटा पैक की जरूरत पडती हैं. अगर आपके डिवाईस (कम्प्युटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन इत्यादि) में एक्टिव डाटा पैक है. तब आप मुफ्त में ईमेल भेज एवं प्राप्त कर सकते है.

5. लिखने की आजादी

अब आपको कागज की चिंता नहीं करनी हैं. लिखिए, काटिए, लिखिए, काटिए, फिर लिखिए और फिर काटिए…

जब तक चाहे तब तक आप एक ईमेल को लिख व मिटा सकते हैं. और समय की भी कोई पाबंदी आपके ऊपर नही होती है.

इसलिए इतमीनान से अपना संदेश लिख सकते है. और एक-एक शब्द का चुनाव अपनी पसंद से कर सकते है.


6. मल्टीमिडिया भी भेज सकते है

आप ईमेल के द्वारा केवल शब्दों में ही अपनी बात कहने के लिए सीमित नहीं है. अपनी फोटों, साथ बिताएं पलों की स्मृतियाँ, विडियों, या फिर अपके द्वारा गाया हुआ गाना भी ईमेल के साथ भेज सकते है.

7. कई तरह की फाइल साझा कर सकते है

ईमेल के द्वारा आप विभिन्न प्रकार के दस्तावेजों को Email Attachments के रूप में भेज सकते है. और अपनी जरूरत के अनुसार मंगा भी सकते है.

8. सुरक्षित और भरोसेमंद

ईमेल एक सुरक्षित और विश्वसनीय साधन हैं. यह आपके संदेश को हर हालात में पहुँचाने की कोशिश करता हैं और आप 99.99% तक भरोसा रख सकते है.

आपकी ईमेल चिट्ठी रास्ते में गायब नही होगी और ना ही कबुतर को पकडने का डर हैं. साथ ही कोई तीसरा व्यक्ति भी आपके ईमेल को पढ नही सकता है.


ईमेल के कुछ नुकसान ‌‌‌- Limitations of Email in Hindi?

ईमेल के लिए हमें कई प्रकार के साधनों की जरूरत पडती हैं. और यह चिट्ठी के जितना आसान नही है. इसलिए हर कोई ईमेल का उपयोग नही कर सकता है. नीचे ईमेल की कुछ सीमाओं के बारे में बताया जा रहा है.

1. तकनीक का जानकार होना चाहिए

यदि आप ईमेल का उपयोग करना चाहते है तो आपको पहले इसके बारे में सीखना पडता हैं. तभी आप ईमेल भेज तथा प्राप्त कर सकते हैं.

इसलिए, ईमेल भेजने के लिए आपके पास बेसिक कम्प्युटर, इंटरनेट तथा ईमेल प्रदाता आदि के बारे में शुरुआती जानकारी होना जरूरी है.

2. इंटरनेट पर निर्भरता

ईमेल भेजने तथा प्राप्त करने के लिए आपके पास इंटरनेट कनेक्शन या फिर मोबाइल फोन में डाटा पैक होना चाहिए. तभी आप ईमेल का उपयोग कर सकते है.

3. फाईल आकार की बाध्यता

आप ईमेल के द्वारा फाइल तो शेयर कर सकते है. मगर आप एक निश्चित आकार की फाइल ही मेल के द्वारा भेज सकते है. यदि आपके पास उपलब्ध डाटा तय सीमा से ज्यादा बडा है तब ईमेल आपके कोई काम का नही है. इसके लिए आपको दूसरा साधन ढूँढना ही पडेगा.

4. अनजान तथा अनचाहे ईमेल आना

ईमेल का सबसे बडा नुकसान इसे ही समझा जाता हैं. एक बार आपकी Email ID लोगों को पता चलने के बाद नए-नए लोगों से ईमेल आने लगते हैं. और सोचने वाली बात यह है कि आप इन्हे जानते भी नही है. इन अनजाने और अनचाहे ईमेलों को तकनीक की भाषा में SPAM कहा जाता हैं.


ईमेल का इतिहास – History of Email in Hindi

ईमेल को बनाने का कार्य 1960 के आसपास ही शुरु हो गया था. लेकिन, अभी तक कोई ठोस आधार नहीं नही बन सका था.

ईमेल ने अगले 10 सालों में बहुत विकास किया. और अपना वजूद बना लिया. सन 1971 में ARPANET के एक प्रोग्रामर श्रीमान Ray Tomlinson ने आधुनिक ईमेल बना लिया.

इनके द्वारा विकसित किया गया Email इस्तेमाल करने में आसान और बहमशीनिय था. मतलब, आप एक कम्प्युटर से कई अन्य कम्प्युटरों पर ईमेल भेज सकते थे. जो आज सामान्य बात है. मगर 1970 से पहले ये संभव नहीं था.


आपने क्या सीखा?

इस लेख में आपने जाना कि एक Email क्या है. हमने आपको Email के बारे में विस्तार से बताया है. आप Email के अन्य तत्व जैसे, Email Account, Email Address, Username, Domain Name आदि से भी परिचित हुए.

इसके अलावा आपको एक साधारण पत्र और एक Email में अंतर के बारे में भी पता चला. इस लेख को पढने के बाद आप Email से अच्छी तरह से परिचित हो गए है.

हमे उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आएगा और आपके लिए उपयोगी साबित होगा. इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और सवाल पूछने के लिए कमेंट करें।

🙏धन्यवाद🙏

लेखक–शुभम साहु