नमस्कार दोस्तों, मैं Subham sahu हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक under Graduate student हूँ. मुझे नयी नयी Technology से सम्बंधित चीज़ों को सीखना और दूसरों को सिखाने में बड़ा मज़ा आता है. मेरी आपसे विनती है की आप लोग इसी तरह मुझे सहयोग देते रहिये और मैं आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहूंगा.

Google लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
Google लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शनिवार, 3 अप्रैल 2021

अप्रैल 03, 2021

Android क्या है? इसका इतिहास और भविष्य

Android क्या है, ये शायद आपको पूछने की जरुरत नहीं. भारत में आज घर घर में Android Phone उपलब्ध है. Android ने बहुत ही कम समय में खुद को बेहतर बनाकर पूरी दुनिया में एक बहुत ही महत्वपूर्ण Mobile Platform बन गया है. वैसे बहुतों को तो एंड्राइड क्या होता है और इसके फायेदे क्या हैं के बारे में पता तो होगा लेकिन ऐसे बहुत से लोग हैं जो की एंड्राइड की दुनिया में बिलकुल नए हैं और जिन्हें की इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं है. ऐसे में ये article उन लोगों के लिए बहुत ही फैयेदेमंद प्रमाण होगा, इसके साथ साथ जिन्हें थोडा बहुत जानकारी भी है उन्हें भी कुछ नया सिखने को मिलेगा.

वैसे तो अगर में सच कहूँ तो हम में से बहुत लोग Smartphones का इस्तमाल तो करते हैं लेकिन उन्हें ये पता नहीं है की उनका Mobile Phone Android है या Windows या iOS का है. इसमें बुरा मानाने वाली कोई बात नहीं है क्यूंकि सब लोग अलग अलग field में काम करते हैं तो अगर में एक शिक्षक से लकड़ी काटने को कहूँ तो शायद वो ये न कर पायें वैसे ही किसी लकडहारे को पढ़ाने के लिए कहूँ को वो ये नहीं कर सकता. वैसे ही सभी लोगों को Mobiles या Computers के बारे में इतनी जानकारी नहीं होती हैं.

उसी महत उदेश्य को नज़र में रखते हुए आज में आप लोगों की Android Operating System क्या है के बारे में पूरी जानकरी देने वाला हूँ जिससे की अगली बार कोई आपको Android Phones या Android से संभंधित कोई दूसरी जानकारी पूछे तो आप भी उसे उत्तर देने के काबिल हो सकें. क्यूंकि मेरा यह मानना है की यदि आपको कोई जानकरी पता नहीं है तो इसमें कोई गलत बात नहीं है लेकिन अगर आप कुछ नया जानना ही नहीं चाहते तो इसमें बहुत गलत बात है.

एंड्राइड क्या है – What is Android?

एंड्राइड कोई फ़ोन नहीं है और न ही कोई एप्लीकेशन है, ये एक Operating System है जो की linux kernel के ऊपर आधारित है. अगर में इसे आसान भाषा में कहूँ तो Linux एक operating system हैं जिसे की मुख्यतः server और desktop computer में इस्तमाल होता है. तो Android बस एक version है Linux का जिसे की बहुत सारे modification के बाद बनाया गया है. हाँ लेकिन ये related है.

Android एक ऐसा Operating System है जिसे की design किया गया था Mobile को नज़र में रखते हुए. ताकि इसमें phone की सारी functions और applications को आसानी से run किया जा सके. आप जो कुछ भी phone के display में देखते हैं वो सारे operating system के ही भाग हैं. जब भी आप कोई call, text message या email पाते हैं तब आपकी OS उसे process करती हैं और आपके सामने readable format में पेश करती है.

Android OS को बहुत सारे version में divide कर दिया गया है और जिन्हें अलग अलग number प्रदान किया गया है उनके features, operation, stability के हिसाब से. तो अगर आपने कभी ऐसा नाम सुना है जैसे की Android Lollipop, Marshmallow or Nougat तब में आपको बता दूँ की ये सारे Android OS या Operating System के अलग अलग Version के नाम हैं.

Android Inc. का इतिहास

Android Inc. के original creators हैं Andy Rubin, जिन्हें Google ने सन 2005, में खरीद लिया और उसके बाद उन्हें ही Android Development का मुख्य बना दिया गया. Google ने Android को इसलिए ख़रीदा क्यूंकि उन्हें लगा की Android एक बहुत ही नयी और Interesting concept है, जिसकी मदद से वो powerful लेकिन free की operating system बना सकते हैं और जो की बाद में सच भी साबित हुआ. Android की मदद से Google को younger audience की अच्छी reach मिली और इसके साथ Android के बहुत ही अच्छे कर्मचारी भी Google में शामिल हुए.

March 2013 को Andy Rubin ने company को छोड़ने का फैसला किया और अपने दुसरे project में काम करने का ठीक किया. लेकिन इसके बाद भी Android की स्तिथि में कोई उतार चड़ाव देखने को नहीं मिला और Andy Rubin के खाली स्थान को Sundar Pichai द्वारा पूर्ण कर दिया गया. Pichai जो की भारत के रहने वाले हैं इससे पहले वो Chrome OS के head हुआ करते थे और उनकी expertise और experience को Google ने अच्छा इस्तमाल किया इस नए Project में.

Android एक बेहतरीन Mobile Operating System

Android एक ऐसा बेहतरीन Mobile Operating System है जिसे की Google द्वारा बनाया गया है, देखा जाये तो Google द्वारा बनायीं गयी Software को आज दुनिया में प्राय सभी Mobile Phones में इस्तमाल किया जाता है. केवल Apple’s iPhones को छोड़कर. Android एक Linux-based software system है. जैसे की Linux एक Open Source software है और इसके साथ ये बिलकुल Free भी है. इसका मतलब ये है की दुसरे Mobile Company भी Android Operating Systems का इस्तमाल कर सकते हैं. इसमें जो distinguishing factor हैं वो है की इस Brand की kernel. Android के Central Core को host करता है जो की essentially एक strip code है और जो की Software को operate होने में मदद करता है.

Versions of Android

निचे मैंने Android Operating System के अलग अलग Version के बारे में mention किया हुआ है. ये वो version हैं जिन्हें की Android ने अब तक निकले हुए हैं. और शायद हम बहुतों का इस्तमाल पिछले कुछ सालों से किये हैं और अभी भी कर रहे हैं.

  • Android 1.0 Alpha
  • Android 1.1 Beta
  • Android 1.5 Cupcake
  • Android 1.6 Donut
  • Android 2.1 Eclair
  • Android 2.3 Froyo
  • Android 2.3 Gingerbread
  • Android 3.2 Honeycomb
  • Android 4.0 Ice Cream Sandwich
  • Android 4.1 Jelly Bean
  • Android 4.2 Jelly Bean
  • Android 4.3 Jelly Bean
  • Android 4.4 KitKat
  • Android 5.0 Lollipop
  • Android 5.1 Lollipop
  • Android 6.0 Marshmallow
  • Android 7.0 Nougat
  • Android 7.1 Nougat
  • Android 8.0 Oreo
  • Android 8.1 Oreo
  • Android 9.0 Pie
  • Android 10

Android OS की Evolution – Android Beta से Pie तक का सफ़र

मेरे ख्याल से आप सभी लोग Android Phones का इस्तमाल कर रहे होंगे, या फिर Tablets का भी इस्तमाल कर रहे होंगे जिसमें के Android Operating System का इस्तमाल होता हो. में आपको बता दूँ की Android का development Google और Open Handset Alliance द्वारा किया गया था. उसके बाद Android अपना नया नया versions November 2007 से release करता आ रहा है. एक ख़ास interesting बात ये है की Android Versions को एक ख़ास code name दिया जाता है और Alphabetic order में release किया जाता है. ये काम सन 2009 April से किया जा रहा है. इसके अलग अलग नाम कुछ इसप्रकार हैं जैसे की Cupcake, Donut, Éclair, Froyo, Gingerbread, Honeycomb, Ice cream sandwich, Jelly Bean, KitKat, Lollipop, Marshmallow, Nougat, Oreo और Pie. आपको नाम देखकर ये पता चल गया होगा की ये दुनियाभर के desserts के नाम पर रखा गया है.

Android Versions और उनके Features

अब में आप लोगों को Android Operating System के अलग अलग versions के बारे में बताने जा रहा हूँ जिससे की आपको ये पता चले की अलग अलग versions में Android ने क्या बदलाव लाये हैं.

Android Beta

ये सबसे पहला Android version था और जिसे November 2007 में release किया गया था.

Android 1.0

ये सबसे पहला commercial version था जिसे की September 23, 2008, को release किया गया. इसमें बहुत सी features थी जैसे की Android Market application, Web browser, zoom और plan full HTML, और XHTML web pages, cameras support, access to web email servers; Gmail; Google contacts; Google Calendar; Google maps; Google Sync; Google Search; Google Talk; YouTube; Wi-Fi इत्यादि.

Android 1.1

इस version को “Petit Four” के नाम से भी जाना जाता है और इसे February 9, 2009 में release किया गया. इसमें longer in-call screen timeout की सुविधा by default थी जब आप speakerphone का इस्तमाल करते हैं. इसके साथ साथ इसमें messages की attachments को save करने की भी सुविधा मेह्जुद थी.

Android 1.5 Cupcake

ये Android 1.5 version को release किया गया April 30, 2009, में और ये Linux kernel 2.6.27 पर based था. ये पहला ऐसा version था जिसे की किसी dessert के नाम पर रखा गया था. इस updated version में कई ऐसी सुविधा थी जैसे की support for Widgets, third party virtual keyboard, video recording and playback, animated screen transitions इत्यादि और इसके साथ इसमें आप YouTube में Videos और Picasa में Photo upload कर सकते थे.

Android 1.6 Donut

इसे September 15, 2009, में release किया गया और ये Linux Kernel 2.6.29 पर based था. इस version में ऐसे बहुत से features थे जैसे की multilingual speech synthesis, gallery, camera, camcorder etc. इसके साथ ये WVGA screen resolutions को भी support करता था.

Android 2.0/2.1 Eclair

October 26, 2009, को Eclair release किया गया, जो की based था Linux kernel 2.6.29 पर. इस बदलाव से इसमें कई feature भी थे जैसे की expanded Account sync, Exchange email support, Bluetooth 2.1 support. इसके साथ इसमें Contacts photo को Tap करके भी आप किसी को call, SMS or email कर सकते थे, इसके साथ इसमें search all saved SMS and MMS की भी सुविधा थी. इसके साथ new camera features, improved typing speed on the virtual keyboard, improved google maps 3.1.2 जैसे अन्य सुविधायें भी उपलब्ध थी.

Android 2.2.x Froyo

Froyo का मतलब है की Frozen Yogurt और जिसे May 20, 2010, को release किया गया और जो की Linux kernel 2.6.32 पर based था. इसमें कुछ नए additional features भी थे जैसे की integration of Chrome’s VS JavaScript engine into the Browser application, improved Microsoft Exchange support, improved application launcher, Wi-Fi hotspot functionality, quick switching between multiple keyboards etc. Froyo में आप Android Cloud to Device Messaging service, Bluetooth enabled car and desk docks, numeric and alphanumeric passwords को भी support करता था.

Android 2.3.x Gingerbread

December 6, 2010, Gingerbread को release किया गया, जो की Linux kernel 2.6.35 पर based था. इसमें extra-large screen sizes, faster text input in the virtual keyboard, enhanced copy paste functionality, support for Near Field Communication, New Download Manager जैसे कई सुविधाएँ थी. etc. इसके साथ Gingerbread और बहुत सारी चीज़ें support करता था जैसे की multiple cameras on the device, improved power management, concurrent garbage collection इत्यादि.

Android 3.x Honeycomb

ये version Android 3.0 को February 22, 2011, में release किया गया. ये Linux kernel 2.6.36 पर based था. इसमें नया virtual और “holographic” user interface था जिसके साथ added system bar, action bar और redesigned keyboard भी attached था. इसके साथ इसमें आप multitasking, allows multiple browser tabs, provides quick access to the camera, support video for chat using Google Talk जैसे अन्य सुविधएं भी उपलब्ध थी.

Android 4.0.x Ice Cream Sandwich

The Ice Cream Sandwich version को publicly released किया गया October 19, 2011, में. इसका source code को November 14, 2011, में उपलब्ध कराया गया. इस version की मदद से आसानी से folders बनाया जा सकता था, separation of widgets in a new tab, integrated screenshot capture, better voice integration, consist of face unlock जैसे बहुत सुविधाएँ उपलब्ध थी, इसके साथ इसमें customizable launcher, improved copy and paste functionality, built-in photo editor, improved camera app with zero shutter lag जैसे सुविधाएँ भी थी. Android 4.0 consist of Android Beam a near field communication feature and support WebP image format.

Android 4.1 Jelly Bean

Google ने Android 4.1 (Jelly Bean) को June 27, 2012, में release किया और ये Linux kernel 3.0.31 के ऊपर based था. इस version का मुख्य उद्देश्य था की कैसे User interface की functionality and performance को बढाया जा सके. इस version में कई features हैं जैसे की bi-directional text, ability to turn off notifications on apps, offline voice detection, इसके साथ Google Wallet, shortcuts and widgets, multichannel audio, Google Now search application, USB audio, audio chaining इत्यादि.

इसके दुसरे version में जो की था 4.2 उसमें बहुत से नए features थे जैसे की नया redesigned clock app और clock widgets, multiple user profiles, Photospheres, Daydream ScreenSavers इत्यादि.

Android 4.4 “KitKat”

Google ने Android 4.4 KitKat को October 2013 में release किया, और वो भी Nexus 5 Smartphone के साथ. ये Google के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ की Google ने कोई दुसरे brand के साथ partnership किया Android mascot के लिए. जी हाँ दोस्तों Google ने बहुत ही बड़ी marketing campaign किया Nestle के साथ किया KitKat को promote करने के लिए.
Company का मुख्य उद्देश्य था की इस नए OS को और भी ज्यादा efficient, faster और कम resource intensive बनाना था. ये OS low-end hardware और पुराने hardware में भी चल सकता था जिससे की दुसरे manufacturers इसका इस्तमाल अपने existing models में कर सकते थे. इससे उनको ज्यादा encouragement भी मिली. इसमें कुछ बहुत ही ख़ास features भी मेह्जुद थे जिसके बारे में मैंने निचे mention किया है.

  • Google Now in the home screen
  • New Dialer
  • Full-screen apps
  • Unified Hangouts app
  • Redesigned Clock and Downloads apps
  • Emoji
  • Productivity enhancements
  • HDR+

Android 5.0 L

जब Android L release होने वाला था तब इसके नाम को लेकर लोगों में काफी कानाफूसी थी कोई इसे Licorice, कोई Lemonhead तो कोई इसे Lollipop का नाम दे रहा था. और जब October 15, 2014, में इसे release किया गया तब इसका नाम Android Lollipop रखा गया. इसमें ऐसे बहुत से features को अपनाया गया जो की पहले इसमें मेह्जुद ही नहीं थे.

  • बेहतर Material Design, इसके साथ बेहतरीन colourful interfaces, playful transitions और बहुत कुछ.
  • Multitasking को redefined कर दिया गया जिससे की और भी बेहतर काम कर सकता था
  • Notification में कुछ बदलाव लाया गया जिससे की आप HomeScreen में ही सारे notification को एक साथ देख सकते हो और उसे cancel भी कर सकते हैं.
  • बेहतरीन Battery Life
  • इस mobile Os को अब केवल phone तक ही सिमित नहीं किया गया बल्कि अब Android Wear को भी बढ़ावा दिया गया जिससे की आप अपने हाथों में ही इसे इस्तमाल कर सकते थे.

Android 6.0 Marshmallow

इस Android के version को October 5, 2015, में release किया गया. ये दिखने में एकदम पिछले Os के जैसा ही था. लेकिन इसमें कुछ महत्वपूर्ण बदलाव लाये गए थे जो की इसे कुछ अलग करता था. ऐसे ही कुछ features के बारे में मैंने निचे mention किया है जिससे की आपको इसके बारे में और अधिक जानकारी मिल सके.

  • Google Now on Tap जिसके मदद से आप किसी भी App को बिना बंद किये ही दुसरे काम कर सकते हैं. इसमें आपको बस Home button को लम्बे समय तक press करना पड़ता है और Google Now आपके current app के साथ overlay हो जायेगा.
  • Cut & Paste में थोडा improvement किया गया. जिससे की user को इसके इस्तमाल में आसानी हो.
  • Voice Search directly Lock Screen से, पहले केवल camera और emergency call ही किया जा सकता था पर अब उसके साथ Voice Search भी आसानी से हो सकता है.
  • बेहतरीन Security
  • App Permission में बदलाव, जिसमें पहले Users का इसके ऊपर कोई अधिकार नहीं था मतलब इसे users बदल नहीं सकते थे लेकिन अब इसे बदला जा सकता है जिसके लिए आपको पहले Settings > Apps > [tap a particular app] > Permissions यहाँ पर आप कोई भी Features को On और Off कर सकते हैं.
  • Google Setting एक ही जगह पर
  • Smart Lock Passwords के लिए
  • बेहतर Power Saving Options जिसके लिए आपको इस path को follow करना है Settings > Battery > Battery optimization (available via the menu in the top-right corner)
  • नया UI tuner setting
  • इसके साथ आप Quick Setting Menu को भी आसानी से edit कर सकते हैं

Android 7.0 Nougat

Android Nougat को Google’s Pixel (Pixel XL) phones के साथ October 4, 2016 में release किया गया. इसमें बहुत से exciting features थे जो की पहले के Android Versions में मेह्जुद नहीं थे.

  • Night Light जिसके द्वारा आप रात में भी आसानी से पड़ सकते हैं बिना की तकलीफ के
  • Fingerprint swipe down gesture, इसके लिए बस आपको अपने finger को screen के across swipe करना है
  • Daydream VR Mode
  • App Shortcuts
  • Circular app icons support

इसके साथ Google के Pixel users के लिए कुछ ख़ास features भी उपलब्ध करवाया गया था. जैसे की

  • Pixel Launcher
  • Google Assistant
    Unlimited original quality photo/video backup to Google Photos.
  • Pixel Camera app
  • Smart Storage जैसे ही Storage ख़त्म हो जाये वैसे Storage पुराने backup को delete कर देता है ताकि नया store हो सके
  • Phone/Chat support
  • Quick Switch adapter wired setup के लिए from Android or iPhone.
  • Dynamic calendar date icon.

Android 8.0 OREO

ये बहुत ही बेहतर Android Os update था जिसका जगह नए update ने ले लिए है, अगर में इसके विषय में और कहूँ तब इस Android 8.0 Oreo को August 18, 2017, में release किया गया. फिलहाल इसे कुछ ही devices में आप इस्तमाल कर सकते हो जैसे की Pixel, Pixel XL, Nexus 5X, Nexus 6P, Nexus Player, और the Pixel C. और बाकि SmartPhones में 2017 के अंत तक update उपलब्ध करवा दी जाएँगी. अब चलिए जानते हैं की इस Android की update में ऐसे क्या नया features हैं.

  • Enhanced Battery Life
  • Picture-in-Picture (PiP) इसके हिसाब से यदि आप कोई movie देख रहे हों और आपको यदि कोई email भेजना है तब आप आसानी से ये काम कर सकते हैं
  • Smart Text Selection
  • Notification Dots जिसमें की अगर किसी Apps में कुछ नया notification आया तो वो उसके ऊपर नज़र आएगा
  • Better Google Assistant
  • New Autofill feature
  • Wi-Fi Awareness इसमें आपका mobile खुदबखुद एक wifi zone में आने से खुद ही start हो जायेगा
  • ज्यादा Safe और Secure

Android 9.0 Pie

अभी का सबसे latest Android Os update है. इस Android 9.0 Pie Os को August 6, 2018 में officially release किया गया है. इसका नाम Android Pie रखा गया है, और इसमें ऐसे बहुत से नए और exciting features जो की इसे ख़ास बनाते हैं.अगर आपके पास एक Pixel का smartphone है, तब आपको Android Pie का सभी updates बड़े आराम से मिलेगा लेकिन केवल digital detox elements को छोड़कर.

दुसरे Android smartphones, जैसे की Sony, Xiaomi, Oppo, Vivo, OnePlus और Essential को ये updates कुछ महीनों के भीतर मिल जायेगा. Google ने खुद बताया है की ये सारी devices उनके Beta programme का हिस्सा ही हैं.

अब चलिए जानते हैं की इस Android की update में ऐसे क्या नया features हैं.

  • Adaptive Battery: इसमें Adaptive Battery का इस्तमाल किया गया है, जो की machine learning का इस्तमाल करता है apps को ठीक ढंग से कार्यक्षम करने के लिए. इसका अलावा Apps का energy-efficient manner तरीके से इस्तमाल होता है जिससे उन्हें तभी ON किया जाया है जब user उनका इस्तमाल करे नहीं तो वो inactive condition में रहते हैं.
  • Adaptive Brightness: ये आपके personal preferences के हिसाब से ambient lighting प्रदान करता है, और ये उन adjustments को background में ही करता है आपके लिए.
  • App Actions: ये बहुत ही नया feature है जिसमें की user के app use के ऊपर ही Os ये predict कर सकता है की आगे आप क्या action लेने वाले हैं. ये App Predictions का र सकता है.
  • Android Dashboard: इसे खास तोर से user के habits को समझने के लिए तैयार किया गया है, जो की आपको meaningful engagement प्रदान कर सके. ये आप को ये दिखा सकता है की जैसे आप कितने बार अपने phone को unlock करते हैं, आपने कितने notification receive किये, आपने कितने apps का इस्तमाल किया. इसके साथ ये आपको control प्रदान करता है की आप कैसे और कब अपने time में spend कर रहे हैं.
  • App Timer: ये feature आपको ये control प्रदान करती है की आप कितने समय तक अपने apps का इस्तमाल करना चाहते हैं, समय के ख़त्म होने पर ये आपको noticfication प्रदान करती हैं. ये उन लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है जो की अपने समय का सही सदुपयोग करना चाहते हैं.
  • Slush Gesture: इस feature से आप अपने phone को turn कर उसे automatically Do Not Disturb mode में ला सकते हैं.
  • Wind Down Mode: इस feature में आपको बस Google Assistant को अपने सोने के समय के बारे में बताना है और जब वो समय निकट होता है तब ये अपने आप Do Not Disturb turn on कर देता है और आपके screen के greyscale mode को चालू कर देता है.

Android 10

Android 10, Google की latest Mobile Os है जो की फिलहाल अभी तक release नहीं की गयी है. Android P के बाद इसमें बहुत से नए features add किये गए हैं और साथ में users की safety और security को ध्यान में रखते हुए इसमें नए safety features भी install किये गए हैं.

अब चलिए Android Q के कुछ खास features के विषय में भी जानते हैं.

बेहतर Permissions Controls
बाकि Android Version की तुलना में हमें इसमें काफी बेहतर permission control देखने को मिलेंगे जिससे की user को अपने phone के ऊपर ज्यादा control प्राप्त होगा.

Foldable phones को support प्रदान करने वाला है
सुनने में आया है की Samsung और दुसरे compaines जल्द ही foldable phones launch करने वाले हैं और ऐसे में उन्हें नए OS की जरुरत होगी. इसलिए इसे पहले से ही foldable phones के अनुरूप बनाया गया है.

Faster sharing का होना
इसमें पहले Os version के मुकाबले ज्यादा faster sharing की जा सकती है. जो की आगे चलकर users के बहुत काम आने वाला है.

Built-in screen recording
इसमें built-in screen recording की सुविधा प्रदान करी गयी है जिससे आसानी से screen record किया जा सकता है.

In-app settings panel
इसमें In-app settings panel में ऐसे बहुत से settings प्रदान किये गया हैं जो की user की usability को बढ़ा सकती है.

System-wide dark mode का होना
यह एक बहुत ही प्रतीक्षित update थी जो की बहुत सी android users की इच्छा थी. इसलिए उन्होंने नए update में system wide ही dark mode प्रदान किया है.

Photos के लिए Depth formats
Photos में भी उन्होंने इस बेहतर बनाने के लिए depth formats का इस्तमाल किया हुआ है जिससे की photos के resolution में काफी सुधार आ सके.

HDR10+ Support
ये अब HDR10+ को भी support करने लगा है.

नयी theming options
इसमें बहुत सी नयी theming option प्रदान किये गए हैं जिससे की अब users आसानी से अपने मनचाही theme का चुनाव कर सकें.

बेहतर privacy protections Android में
जैसे की Android ने पहले से ही वादा किया था की वो नए OS की privacy protection को और भी मजबूत करेंगे और उन्होंने ऐसा ही किया है इस नए OS के साथ.

क्या Android updates के पैसे पड़ते हैं?

Android Updates को download और install करना एकदम free है. Updates करने से आपके mobile phone में आप बहुत सारे नए features पा सकते हैं. और इसके साथ प्रत्येक updates के साथ आपके Android Phones के Speed और Performance में बढ़ोतरी होती है.

Mostly नए और High-end Android Phones में आप सबसे पहले Android के नए updates पा सकते हैं. हाँ ये मान के चलिए की सभी Android Phones में कम से कम एक Update तो आपको जरुर मिलेगा और हो सकता है की किसी किसी phone में आप दो बार भी updates पा सकते हैं.

क्या Android’s Biggest Competitors Apple और Windows Phone है

Apple भले ही Android का सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी हो लेकिन इसके साथ Windows Phone भी अब इसी race में शामिल हो गया है. धीरे धीरे ही सही लेकिन Windows Phone भी अपना पैर पसार रहा है और खुद को एक reputable mobile ecosystem के हिसाब से develop कर रहा है. माना की अब भी market में लोगों की पहली पसंद Apple और Android phones हैं फिर भी Windows Phone ने Nokia Mobiles में अच्छे camera देकर लोगों में उत्सुकता बढ़ानी चाही.

Apple ने दोनों SmartPhone और Tablet industries को एक साथ start किआ जब उन्होंने iPhone को 2007 में और iPad को 2010 में release किया. इन दोनों ने market में अच्छा ही नहीं बल्कि लोगों द्वारा भी बहुत सहारा गया. उसी प्रकार Android ने भी अपना अच्छा खासा कब्ज़ा पूरी दुनिया में जमाया हुआ है. अगर हम popularity की बात करें तो अब भी Apple Android की तुलना में ज्यादा अच्छा perform कर रहा है. उसी प्रकार अगर उनको ज्यादा popular से कम की क्रमांक में रखा जाये तो सबसे पहला नंबर Apple का दूसरा Android का और तीसरे स्थान में Windows को रखा जा सकता है.

ये “Open Source” Model ही Android को Unique बनाता है

Android SmartPhones और Tablets का सबसे बड़ा competition में आता है Apple iPhone और iPad. इन दोनों के Operating Systems में जो सबसे बड़ा अंतर है वो ये है की Android की Os Open Source और Free है वहीँ Apple’s iOS पूरी तरह से closed है मतलब उसमें कुछ भी छेड़ छाड़ नहीं किया जा सकता. उदाहण के तोर में iOS में हम default browser को Safari से Google Chrome भी बदल नहीं सकते.

Apple में आपको ये default apps में बहुत restrictions होती हैं जिससे की इन्हें इस्तमाल करने में बड़ी दिक्कत आती है और आप इसमें कुछ नया try भी नहीं कर सकते. वहीँ Android में Open Source होने से आप इसमें आपकी मनचाही Apps को इस्तमाल कर सकते हैं. इन दोनों की इस्तमाल की लढाई तो बहुत ही पुरानी है, यहाँ एक बात में आप लोगों को बताना चाहता हूँ की ये सब Personal Preference को बात है. बाकि सब आपके ऊपर है की आपको किस प्रकार की SmartPhone चाहिए इस्तमाल करने के लिए.

Android Meaning;

वैसे जिस प्रकार से Android अपना नया नया Products launch कर रहा है और नयी से नयी technology को अपना रहा है उस हिसाब से तो Android का भविष्य बहुत ही उज्जवल दिखाई दे रहा है. हाल ही में ही Google ने Smart Watch, Google Glass, Google Cars जैसे की अजीबोगरीब gadgets से अपने भविष्य के बारे में पूर्वानुमान बता ही दिया है. हम आशा करते है की Google अपने इस ऐतिहासिक कदम में और भी ज्यादा सफल हो. और आम लोगों के मदद के लिए और भी बेहतरीन चीजों की रचना करे.

मुझे पूर्ण आशा है की मैंने आप लोगों को Android क्या है (What is Android?) के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को Android के बारे में समझ आ गया होगा. मेरा आप सभी पाठकों से गुजारिस है की आप लोग भी इस जानकारी को अपने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों, अपने मित्रों में Share करें, जिससे की हमारे बिच जागरूकता होगी और इससे सबको बहुत लाभ होगा. मुझे आप लोगों की सहयोग की आवश्यकता है जिससे मैं और भी नयी जानकारी आप लोगों तक पहुंचा सकूँ.

मेरा हमेशा से यही कोशिश रहा है की मैं हमेशा अपने readers या पाठकों का हर तरफ से हेल्प करूँ, यदि आप लोगों को किसी भी तरह की कोई भी doubt है तो आप मुझे बेझिजक पूछ सकते हैं. मैं जरुर उन Doubts का हल निकलने की कोशिश करूँगा. आपको यह लेख Android क्या होता है कैसा लगा मुझे comment लिखकर जरूर बताएं ताकि मुझे भी आपके विचारों से कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिले.

:धन्यवाद:

शनिवार, 6 मार्च 2021

मार्च 06, 2021

Search Engine क्या है और कैसे काम करता है?

क्या आपको पता है सर्च इंजन क्या है और ये कैसे काम करता है. इसके साथ इसके साथ साथ मैं आपको कुछ और जानकारी हिंदी में देने वाला हूँ आज के इस लेख में. जमाना तो Internet का है और Internet बिना Information के कुछ भी नहीं है. जब भी आपके मन में कोई सवाल आता है तो इस 21 Century में कौई भी इनसान आस पास के लोगों से या, उनके teachers से नहीं पूछ ते हैं. वो सीधा अपना मोबाइल निकालते है और जो भी उनके मन में सवाल है वो लिख देते हैं. उनको कुछ seconds के अंदर जवाब मिल जाता है.

जब भी दोस्तों के बिच में कोई सवाल को लेके Argument हो जाता है, तो उसका जवाब भी Internet में मतलब कोई search engine जैसे Google, Yahoo, Bing पे Search करते हो. लेकिन हम 1990 की बात करें तो एसा कोई concept नहीं था जहाँ आप कुछ search करो और तुरंत मिल जाये. उस दौर में तो Internet भी नहीं था.
बात की जाये आजकल की लोगों के मन में हजारों सवाल आते हैं और हर कोई बोलता है Internet में ढूंड मिल जाये गा. ये युवा पीढ़ी इसे कहती है Google कर लो भाई. यही वो Search Engine है जिसकी आज हम हमारे Readers को इस लेख में बताएँगे. Google, Yahoo और Bing की जानकारी इस लेख में देंगे तो चलिए सुरु करते हैं.


सर्च इंजन क्या है – What is Search Engine in Hindi

सर्च इंजन एक प्रोग्राम है. या, सर्च इंजन एक एसा प्रोग्राम है जो इन्टरनेट के असीमित डेटाबेस से यूजर के सवाल को खोजता है (जिसको Keyword/Phrase बोला जाता है), और उसके संभंधि जो जानकारी मिलती है उसको सर्च रिजल्ट पेज में दिखाता है. जैसे Google करता है. हर सवाल को world wide web में सर्च किया जाता है.

Internet में जो भी search किया जाता है उसको ढूंड के search engine Exact Result दिखाने का काम करता है. कुछ search engine के नाम है “Google, Yahoo, Bing “. आपको एक example से अच्छे से समझाता हूँ. आपके मन में एक सवाल आया तो आप तुरंत Google जो एक search engine है उसमे search करने लगते हो. आपका सवाल है “Computer क्या है और ये कैसे काम करता है”.

Search engine Internet पे जितने भी websites है उनमे इस सवाल को search करता है. जहाँ जहाँ ये सवाल मैच होगा उन websites के नाम मतलब search result के पहले पेज में दिखाइ देगा. उसके बाद कोई एक link पे आप click करके “Computer क्या है और ये कैसे काम करता है” इसका जवाब पढ़ सकते हो.

जो सवाल है उसी को INTERNET की भाषा में keyword कहते हैं. तो चलिए अब आपके मन में एक सवाल जरुँर आया होगा की वैसे ये Search engine मतलब Google, yahoo, Bing, काम कैसे करता है. जो information search करते हैं उसका पुरा सही सही जवाब भी देती है तो चलिए जानते हैं कैसे.

प्रमुख सर्च इंजन के नाम – सर्च इंजन लिस्ट

ऐसे देखा जाये तो दुनिया में बहुत सारे सर्च इंजन है, पर यहाँ हम आपके लिए सबसे ज्यादा इस्तिमाल किया जाने वाला लोकप्रिय सर्च इंजन लिस्ट प्रस्तुत कर रहे है.

  1. Google
  2. Bing
  3. Yahoo
  4. Ask.com
  5. AOL.com
  6. Baidu
  7. Wolframalpha
  8. DuckDuckGo
  9. Internet Archive
  10. Yandex.ru

इंडियन सर्च इंजन नाम

जहाँ इतना सारे सर्च इंजन है, वहां हमारा देश कैसे पीछे हटता? यहाँ आपके लिए कुछ इंडियन सर्च इंजन की हमने लिस्ट बनाया है. ये सारे इतना लोकप्रिय नहीं है, पर कुछ हद तक अच्छा काम करते है.

  1. 123Khoj
  2. Epic Search
  3. Bhanvad
  4. GISASS
  5. Guruji

सर्च इंजन कैसे काम करता है – How Search Engine Works in Hindi

पहले से हि आपको बता दिया गया है की जो भी सवाल, text, सब्द अपने browser के search engine search में लिखा जाता है, उनको Keywords बोला जाता है. अगर आप google में “what is search engine in Hindi” लिखते हो तो ये कीवर्ड है. इस keyword को world wide web में ढूंडा जाता है. जब ये keyword कोई website के title या article के content के साथ match होता है और tags के साथ match होता है तो उसको search result में show करता है. ये तो आम आदमी के लिए था, थोडा Technically समझते हैं.

search engine तिन Steps में काम करता है. सबसे पहले crawling, Indexing, Ranking & Retrieval
इन तीनों के बारे में विस्तार में जानते हैं.

Crawling

Crawling मतलब ढूंडना. और अच्छे से समझ लो एक websites के सारे डाटा को अधिग्रहण करना या एक websites की पूरी जानकारी को हासिल करना. इस process में website को scan करना, page का title क्या है, keywords की जानकारी, content में कितने keywords हैं, images और कोन कोन से page में link हैं website के साथ. लेकिन आजकल के Modern crawler में सायद तक एक webpage के पुरे cache को ही copy कर लेते हैं. इसके साथ साथ पेज layout कैसा है, Advertise कहाँ कहाँ है , link कहाँ दिए गए हैं ये भी Store होता है.

search engine वेबसाइट को crawl कैसे करती है ? एक स्वयंम चालित Bot होते हैं जो हर नए और पुरने pages को search करता हैं जिसको Discovery बोला जाता है. bots को spider भी बोलते हैं, जो हर रोज cores pages visit करते है. लेकिन हमारे या आप जैसे नहीं बोहत ही तेजी से read करते हैं.

Google के मुताबिक करीबन 1 second में 100 से 1000 page को visit करता है. जब bots को कोई नया पेज मिलता है तो वो उसे Back-end processing (page title, meta tag, keywords, backlink, images, videos) को के लिए भेज दात है. और फिर check करता है की इस पेज के साथ कोण कोण से पेज और linked हैं.

जब भी कोई नया पेज मिलता है तो फिर वही process repeat होता है. Crawling+backend processing+indexing. इसके बाद होता है page Indexing इसके बिना गूगल कभी भी सही search result दिखाई नहीं दे सकता. लेकिन कुछ ऐसे भी website हैं जिनको आप TOR NETWORK के जरिये Search कर सकते हो.

Indexing

अपने दिमाग पे ज्यादा जोर मत डालो ये indexing को समझना बड़ा आसान है. indexing एक process हैं जहाँ Crawl के दोरान जो भी डाटा मिलता है उन सभी डाटा को database में place करना है. एक example लेलो आपके पास बोहत सारी books हैं. आप उन books के author name, books name, books के हर page को read करना Crawling है लेकिन इन सब details की Listing करना ही Indexing हैं. अब इस बात पे गोर करें Search engine सिर्फ एक website को crawl नहीं करती है बल्कि दुनिया में जितने भी वेबसाइट हैं उनको crawl और indexing करती है.

Google search sammelan के मुताबिक Google spider हर रोज करिअबन 3 trillion pages crawl करती है. इसका मतलब ये है की google के पास world में जितना Information है उन सब का library है.
Google Search Engine data का बोहत बड़ा server है. जहाँ डाटा हजारों लाखों की तादात में जो peta byte Drive हैं वहां Store होता है.

Ranking and Retrieval

search engine का ये वैसे आखिरी स्टेप है, लेकिन ये आखिरी स्टेप ही बोहत ही ज्यादा complex है. क्यूंकि जब आप कुछ google में search करते हो सबसे पहले search का काम ये है की जिस की जानकारी को आप search कर रहे exact वही information आपको मिले. लोगों का search engine पे तभी भरोसा होता है जब वो user relevant content ढूंड निकाल के दिखाती है. इसके लिए google कुछ Algorithm का इस्तेमाल करती है. जो algorithm कुछ parameters के मुताबिक काम करते हैं. जिनमे से कुछ है content age, Content keyword, content पेज title.

page ranking के लिए google के 200 factors है. जिनके जरिये ही ये पता लगाया जाता है की search करने पे पेज GOOGLE HOME के किस position पे search result दिखना चाहिए. rank algorithm को समझ पाना बड़ा मुस्किल है. क्यूंकि 1 billion web pages में से किसको google सर्च करके पहले पेज में show करती है. वैसे तो Ranking factors को hack करने के लिए बोहत सारे Hackers अपना दिमाग लगा रहें है.

पहले ranking का अंदाज़ा कितनी बार post में keyword इस्तेमाल किया गया है और backlink कितनी हैं इन सबसे बड़ी आसानी से site को rank किया जाता था. अब कुछ सालों से google ranking factors को धुंद निकलना बड़ा ही मुस्किल हो गया है. हर साल गूगल अपना algorithm बदल रहा है. क्यूंकि Google उन sites को पहले आने का मोका देता है जो सच में महनत कर रहे हैं. कुछ इस तरह से इन तिन steps में search engine काम करता है.

सर्च इंजन का इतिहास – History of Search Engine in Hindi

सारे सर्च engine का काम एक ही था इन्टरनेट पे डाटा सर्च करना और display करना. सुरावती दिनों में Search ENGINE कुछ और नहीं बस एक File Transfer Protocol का collection था. जितने भी server एक दुसरे से connect थे उनमे से डाटा ढूंडना था. तब के world wide web internet से जुड़ने का एक मात्र जरिया था. Search engine को इसलिए बनाया गया क्यंकि web server और file को locate करना इतना असान नहीं था.

सबसे पहले वाला सर्च इंजन एक school का project था, जिसको बनाने वाले का नाम है Alan Emtage. जो 1990 में वो McGill University का student था. तो चलिए अब जानते हैं अलग अलग search engine इंजन कब और कैसे बने.

Excite

Excite का जन्म February 1993 हुआ था. Excite भी एक University का project था और उस project का नाम था Architext. इस project में 6 uundergraduatestudent थे. Stanford university का ये project 1995 तक आगे चल के Crawling search engine का रूप ले लिया. इसमें काफी growth के कारण इसने Web-crawler और Magellan को भी इसने खरीद लिया. आखिर में इसने MSN और Netscape के साथ partnership कर ली.

Yahoo

इसका नाम तो अभी भी है, थोडा बोहत तो आप जानते ही होंगे इसका जनम 1994 को हुआ था. इसकी सुरुवात Stanford university में हुई थी. 1994 में Jerry Yang और David Fillo ने इसकी सुरुवात की थी. ये दोनों Electrical Engineering के Graduate Student थे. उन्होंने जब एक वेबसाइट बनाई जिसका नाम था “Jerry and David to guide to world wide web”. ये guide एक Directory थी जो दुसरे websites दुसरे websites को organize करके रखता था. 1994 में याहि Guide Yahoo का रूप ले लिया था. yahoo.com domain 18 January 1995 Registered हुआ था.

WebCrawler

ये एक Meta search engine है जिसका जन्म April 20 1994 में हुआ था. Google और yahoo दोनों के top result को ये show करता था. जिसमे आप audio, video, news को बड़ी आसानी से search कर सकते हो. इसको बनाने वाले का नाम है Brian Pinkerton University Of Washington में.

Lycos

इसका भी जन्म 1994 में ही हुआ था. ये search के साथ साथ एक web portal सेवा देता है. Carnegie Mellon University से इसकी सुरुवात हुई. ये email, Web hosting, Social Networking और Entertainment websites की सेवा भी देता था.

Infoseek

Infoseek भी काफी लोकप्रिय Search engine है जिसका जन्म 1994 में ही हुआ था, जिसके Founder थे Steve Kirsch. Infoseek को INFOSEEK corporation operate करता है. इसका Head quarter Sunnyvale, California है. इस company को The Walt Disney Company ने 1998 में खरीद लिया फिर ये बाद में yahoo के साथ जुड़ गई और अभी इसका कोई नाम नहीं है.

AltaVista

इसका जन्म 1995 में हुआ था. पुँराने ज़माने में ये एक जादा इस्तेमाल करने जाने वाली search engine है. 2003 में इसको yahoo ने खरीद लिया. लेकिन Brand और services altavista के ही थे. लेकिन 2013 July में सारे services को yahoo ने बंद कर दिया और ये Yahoo search engine में redirect हो गई.

Inktomi

Inktomi का जन्म 1996 में हुआ था. इनके Founder थे UC Berkeley professor Eric Brewer और एक graduate Student जिनका नाम है Paul Gauthier. सुरुवात में ये भी एक search engine थी जिसको UNIVERSITY में Develop किया गया था.

Ask.com

इसका नाम तो आज भी है ASK.COM पहले Ask Jeeves था. इसका भी जन्म 1996 में हुआ था. ये एक question answer साईट है. जिसका जादा focus E-Business और web search engine पे था. इसके Founder का नाम है Garrett Gruener and David Warthen California से.

Google

वैसे आज के वक्त में Google एक अरबो खरबों की company है, जिसने Oxford Dictionary में अपनि खुद की जगह बना राखी है, जो की एक क्रिया है. लेकिन इसको बनाने में दो PHD Students का हाथ था जिनका नाम है Sergey Brin और Larry Page जो की Stanford University, California के छात्र थे, 1995 में वे वहीँ पे आपस में मिले थे और वही से इस Search engine की सुरुवात हुई.

1996 में Sergey Brin और Larry Page जब PHD पढाई कर रहे थे उन्होंने अपना PHD का re Search project में कुछ अलग करने की सोची और वो सोचे थी “अगर हम Website को Rank करें दुसरे website के साथ तुलना करके, तो काफी अच्छा होगा, उस वक्त उनका रैंक करने का तरीका ये था, जितनी बार Search किया गया सब्द, उस webpage में होगा उस हिसाब से वो rank करगें और यही कल्पना आज Google का रूप है. सुरुवात में उन्होंने इसका नाम BACKRUB दिया था. 1997- में दोनों ने Search engine का नाम “Google” रखा गया.

आज आपने क्या सिखा

वैसे तो मेरी राय यही है की सबसे अच्छा search engine Google ही है. अभी Image search, Voice Search, speech, google assistant जैसे बोहत सारे Latest Technology google के technology है. इसके साथ Google के search algorithm हर साल बहतर हो रहे हैं. सर्च इंजन क्या है (What is Search Engine in Hindi) और ये कैसे काम करता है काम करता है इसकी जानकारी तो पूरी हो गई होगी.

उमीद है ये लेख पसंद आया होगा, कैसा लगा आप जरुर निचे comment कर के बताइए. अगर अभी बी कोई सवाल आप पूछना चाहते हो तो निचे Comment Box में जरुर लिखे. और कोई सुझाव देना चाहते हो तो जरुर दीजिये जिस्से हम आपके लिए कुछ नया कर सके. हमारे Blog को अभी तक अगर आप Subscribe नहीं किये हैं तो जरुर Subscribe करें. चलो बनायें Digital India जय हिंद, जय भारत, धन्यबाद.

बुधवार, 3 मार्च 2021

मार्च 03, 2021

Yahoo क्या है और और किसने बनाया है?

यदि आपसे कोई पूछे की ये Yahoo क्या है (What Is Yahoo in Hindi)? तब इसका आसान सा जवाब है की Yahoo एक search engine होता है, ठीक Google के ही तरह यह भी users के queries को पुरे internet में खोजकर उनके सामने search results में प्रदर्शित करता है. वैसे अगर आपको ये जानना है की Yahoo का इतिहास क्या है, yahoo account को verify कैसे करते है, ये काम कैसे करता है, तब शायद आपको यह article Yahoo क्या है पूरी तरह से पढ़ना होगा. क्यूंकि मुझे यकीन है की अगर आप इस article को ठीक ढंग से पूरा पढ़ लेंगे तब यह post ख़त्म होने तक आपके मन में उठ रहे सभी सवालों के जवाब आपको मिल जांएगे.

Yahoo के बारे में आप सबने सुन रखा होगा और आप याहू को अच्छे से जानते होंगे. आपमें से कुछ लोग आज भी याहू का इस्तेमाल करते होंगे. आपको बता दे की याहू एक Search Engine है, जिसमे आप Google की तरह कुछ भी सर्च कर सकते है. Google की तरह याहू भी एक लोकप्रिय Search Engine है.


लेकिन वो बात अलग है की आज Google ने Yahoo को बहुत बुरी तरह से पछाड़ दिया है. आज सबकी जुबान पे सिर्फ और सिर्फ Google का ही नाम है. लेकिन एक वक्त Yahoo भी सफलता के पायदान पर था. आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे की याहू क्या है, इसका इतिहास क्या है और Yahoo के अकाउंट को कैसे वेरीफाई करते है?

याहू क्या है (What Is Yahoo in Hindi)


Yahoo का full form होता है “Yet Another Hierarchical Officious Oracle “.Yahoo एक Search Engine है जिस पर आप कुछ भी सर्च कर सकते है. याहू को 1995 में लांच किया गया था और आज Yahoo, Google और Bing के बाद सबसे ज्यादा search किया जाने वाला Search Engine है. Yahoo को आप Search Engine से ज्यादा एक directory मान सकते है, क्योंकि याहू सर्च के अलावा अपने यूजर्स को 40 से अधिक सेवाएं देता है.

याहू पर आप Calendar, News, Images, Finance, Gadget, Real State, Yahoo Mail, Music, Sports, Movies आदि सभी के बारे में जानकारी हासिल कर सकते है. Gmail की तरह याहू की भी एक मेल एर्विस है जिसे Yahoo Mail कहा जाता है. याहू अपनी Question-Answer सर्विस के लिए लोगों में काफी लोकप्रिय हुआ है.

Yahoo का इतिहास

Yahoo की शुरुआत 1994 में स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के दो स्टूडेंट जेरी यांग (Jerry Yang) और डेविड फिलो (David Filo) ने बनाया था और एक साल बाद यानी 1995 में इए याहू के नाम से लांच किया गया था. याहू ने सबसे पहले एक कमर्शियल Website लांच की जिसमे न्यूज़ के माध्यम से खबर और विज्ञापन चलते थे.


कुछ ही सालों में Internet सर्फिंग वाले लोगों के लिए याहू सबसे बेहतर ठिकाना था. लोग याहू पर ही सब कुछ सर्च किया करते थे. याहू कम्पनी का मुख्य ऑफिस कैलीफोर्निया में है. याहू का पूरा नाम “Yet Another Hierarchical Officious Oracle” है. पहले याहू का नाम “Jerry’S Guide To The World Wide Web” था.


Yahoo की मुर्खता बना उसके पतन का कारण

एक समय ऐसा था जब याहू ने Google को खरीदने के दो मौके गंवा दिए थे. जब Google ने याहू को उसे खरीदने का ऑफर दिया तब याहू ने दो बार Google के ऑफर को ठुकरा दिया और आज अंजाम आप देख ही सकते है याहू को आज कोई पूछता भी नहीं और Google के पीछे लोग पागल हुए जा रहे है.

याहू ने Google के ऑफर को यह कहकर ठुकरा दिया था की वे नहीं चाहते की याहू से लोग किसी और Search Engine पर जाए. उस समय Google सिर्फ एक Search Engine था जो कुछ ही सेकंड में यूजर को रिजल्ट दिखा देता था.


उस समय Yahoo को Google की 50 लाख डॉलर की रकम ज्यादा लगी थी और आज Google 522 अरब डॉलर से भी ज्यादा की कम्पनी है. याहू अपने यूजर तक सिमित रहना चाहता था और Google पुरे वर्ल्ड पर राज करना चाहता था और हुआ भी ऐसा ही आज Google को लोग सबसे लोकप्रिय Search Engine मानते है और कुछ भी सर्च करना हो Google पर ही सर्च करते है.

Facebook खरीदने का मौका भी गंवा दिया

2006 में Google की तरह Yahoo के पास फेसबुक खरीदने का भी मौका था. तब याहू ने फेसबुक के लिए एक अरब डॉलर की बोली लगाई थी, लेकिन अपने शेयरों में आई गिरावट के कारण उसने इसे घटाकर 85 करोड़ डॉलर कर दिया.
इस पर फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने दोबारा सोचा और डील से पीछे हट गये और आज फेसबुक का मार्किट 250 अरब डॉलर से ज्यादा का है. याहू ने यह दो सबसे बड़ी गलियाँ की जो बाद में उसी के पतन का कारण बनी.


Microsoft का ऑफर भी ठुकरा दिया

याहू चाहता तो 2008 में माइक्रोसॉफ्ट का ऑफर लेकर अपनी बुरी स्थिति टाल सकता था. Google की चुनोती से निपटने में लगा माइक्रोसॉफ्ट याहू के लिए 44 अरब डॉलर देने को तैयार था लेकिन याहू के बोर्ड को यह रकम काफी कम लगी और अब याहू सिर्फ 5 अरब डॉलर में वेराइजन की हो गयी.

क्या रहा है अब याहू के पास ?

कुल मिलाकर देखे तो याहू लगभग खत्म ही हो गया और उसका अस्तित्व अब इतिहास बन गया है. बस अब याहू जापान में 33.5 स्टेक और चीन की दिग्गज E-Commerce कम्पनी अलीबाबा में 15% की हिस्सेदारी रह जाएगी.


Yahoo के अकाउंट को वेरीफाई कैसे करें? How To Verify Yahoo Account

यहाँ पर मैंने कुछ Steps बताये हुए हैं जिसका उपयोग कर आप Yahoo के account को Verify करवा सकते हैं.

– सबसे पहले https://login.yahoo.com/ इस Website पर जाए.

– अब Don’T Have And Account Sign Up पर क्लिक करें.

– Sign Up पर क्लिक करने के बाद First Name, Last Name, Email Address, Password, Mobile Number, Date Of Birth आदि भरे और Continue पर क्लिक करें.

– अब एक बॉक्स में आपके Mobile Number होंगे जो की आपने Sign Up करते समय डाले थे और अब आप Texe Me An Account Key पर क्लिक करें.

– अब आपके Mobile पर एक टेक्स्ट मेसेज आएगा जिसे आप यहां डाले और Verify पर क्लिक करें.

– इस तरह आपका याहू अकाउंट वेरीफाई हो जायेगा.


Conclusion

मुझे आशा है की मैंने आप लोगों को याहू क्या है (What is Yahoo in Hindi)? के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को याहू कैसे काम करता है के बारे में समझ आ गया होगा. यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं.



मंगलवार, 2 मार्च 2021

मार्च 02, 2021

Google क्या है और किसने बनाया है?

आप में से कितनो को पता है के Google क्या है.आज से 15 से 20 साल पीछे चले जाएँ तो तब Internet तो था लेकिन तब information की काफी कमी थी. Information लोगों के पास था लेकिन वो net में इतना नहीं था. आज जैसे आप भी बहुत कुछ net में ढूंडते तो, वैसे ही 10 से 15 साल पहले लोग किताबों में, या फिर किसी से पूछ के जानकारी हासिल करते थे.

लेकिन लोगों से पूछ के जानकारी हासिल करना बोहत ही बड़ी समस्या थी उस दोर में, इसके साथ तब कुछ website भी थी लेकिन कोनसी website में कोनसी जानकारी सही है, या जल्दी से कोई जानकारी मिल जाए जैसी बोहत सी समसया थी.


तभी उसी वक्त दो नोजवान लड़के इस समस्या का समाधान लेके अये उसका समाधान Google के जरिये हुआ और वो लड़के कोन थे. गूगल क्या होता है, किसने बनाया है और कैसे Google की सुरुवात हुई, कुछ और जानकारी मैं आपको दूंगा तो चलिए सुरु करते हैं.


गूगल क्या है – What is Google in Hindi

गूगल एक अमेरीकी बहुराष्ट्रीय सार्वजनिक कम्पनी है, जिसने इंटरनेट सर्च, क्लाउड कम्प्यूटिंग और विज्ञापन तंत्र में पूँजी लगायी है.

गूगल दुनिया की सबसे बड़ी Search engine है. इसमें आप कुछ भी Search करोगे आप को जरुर मिल जाये गा. यह तो आम तोर पर हर कोई सोचता है लेकिन इसका जवाब यहाँ पे ख़तम नहीं होता इसका सही जवाब है “ये एक Multinational Company है, Search Engine के साथ साथ इसके कुछ और business है जैसे Internet Analytics, Cloud Computing की सेवा भी देती है.


उदाहरण के लिए आप इस्तेमाल करते है Google drive, बिज्ञापन सेवा, application (play Store से जो application आप download करते हो), इसका अपना खुद का ब्राउज़र है Chrome नाम का, और अपना खुद का Operating System (Android), इन सभी के जरिये Google अपना Income करती है.


2016 में इसने अपनि दिलचस्पी Mobile Industry के उपर दिखायी और एक नया Mobile लेके आई जिसका नाम है Google Pixel जो की market में छा गया. इसके साथ साथ Map, e-mail और 20 से भी ज्यादा Product दुनिया में हैं जिनके बारे में आज आगे आपको बताऊंगा.

आप इस Company की Income के बारें में जानो गे तो आपके होस उड़ जायेंगे फिर भी जान लें की ये एक दिन में $ 1 Million US Dollar कमाती है और मतलब की करीबन 6,85,22,50,000 रूपया. क्या आप ये जानना चाहोगे की Google का इतिहास क्या है तो चलिए जानते हैं.


गूगल नाम कैसे चुना गया?

Edward Kasner और James Newman के द्वारा लिखे गए किताब Mathematics and Imagination में लिखे गए शब्द googol के से प्रेरित होकर Larry Page और Sergey Brian ने अपने सर्च इंजन का नाम चुना. Googol का मतलब होता है 1 के पीछे 100 zero.

गूगल का इतिहास – History of Google in Hindi

वैसे आज के वक्त में Google एक अरबो खरबों की company है, जिसने Oxford Dictionary में अपनि खुद की जगह बना राखी है, जो की एक क्रिया है.


गूगल की खोज किसने की?

लेकिन इसको बनाने में दो PHD Students का हाथ था जिनका नाम है Sergey Brin और Larry Page जो की Stanford University, California के छात्र थे, 1995 में वे वहीँ पे आपस में मिले थे और वही से इस Search engine की सुरुवात हुई.


1996 में Sergey Brin और Larry Page जब PHD पढाई कर रहे थे उन्होंने अपना PHD का reSearch project में कुछ अलग करने की सोची और वो सोचे थी “अगर हम Website को Rank करें दुसरे website के साथ तुलना करके, तो काफी अच्छा होगा, उस वक्त उनका रैंक करने का तरीका ये था, जितनी बार Search किया गया सब्द, उस webpage में होगा उस हिसाब से वो rank करगें और यही कल्पना आज Google का रूप है. सुरुवात में उन्होंने इसका नाम BACKRUB दिया था.”

1997 में दोनों ने Search engine का नाम “Google” दिया जो की “googol” है हकीकत में, ये एक mathematical सब्द है और Google इस googol को गलत लिखने से बना ये अजब सचाई है. googol का मतलब है 1 के पीछे 100 zero.


1998 में ही Google का पहला doodle homepage बना था, लेकिन अब Google 2000 से भी ज्यादा doodle home page बदलता है पुरे दुनिया में, और अभी के समय में doodle की एक team है.

सन 2000 में AdWords की सुरुवात की, और अब Google Online Advertisement की सेवा देने वाली दुनिया की सबसे बड़ी company है, जो की बड़े बड़े business को successful बना दी है. text ad, Video ad और mobile ad की सेवा देती है और इसके बदले में पैसा लेती है.

2004 April Fool वाले दिन इस company ने Gmail को launch किया, इसके साथ Gmail Data Store करने के लिए अच्छा खासा space भी दिया था और अब के समय में और भी ज्यादा दे रहा है.

Google ने 2004-05 में एक Map बनाने वाली Company Keyhole को खरीद ली और आज के वक्त यही Map Company Google Map नाम से जनि जाती है जो रास्ता दिखाने में, नयी जगह की जानकारी और earth App के जरिये 360 Degree View देख सकते हो घर बैठे.

2006 में इस Company ने एक बोहत खास Video Sharing Website Youtube को खरीद लिया. अभी के समय में 60 घंत्गे के Video हर एक मिनट में upload हो रहे है.

2007 Android को ख़रीदा और ये अभी के समाय का mobile device का सबसे अच्छा operating System है.

2008 में अपना खुद का browser chrome को market में आया, officially september 2 2008 को launch हुआ, ये एक दुनिया का सबसे पसंदीदा browser है.

2011 में Larry Page Google के नए CEO बने उनसे पहले Eric Schmid थे वो अब executive chairman है alphabet के.

2011 में ही Google+ project की सुरुवात हुई, इसमें रियल लाइफ sharing feature था जैसे facebook, twitter

2012 में android 4.1 jelly bean का अपडेट आया, Google nexus 7 tablet को launch किया गया .

July 9, 2012 Google Now और Google Voice Search Feature की सुरुवात हुई अब ये Google Assistant बन चूका है.

2013 में Google Glass Market में आया. जिसमे चश्मे के जरिये आप अपने Mobile को चला सकते हो.

2015 में VR HEAD SET की सुरुवात हुई थी, अभी ये काफी लोक प्रिय हो चूका है.

2016 में Google Loon Project की सुरुवात हुई जिससे जहाँ जहाँ internet नहीं पोहंचता वहां पर Internet को पोहंचाया गया और इसी साल Google का पहला Mobile फ़ोन Pixel Launch किया गया था.

Google Home की सुरुवात भी 2016 में ही हुई थी, जिसके जरिये आप घर के सारे Electronic Device बोल के चला सकते हो इसके साथ कुछ सवालो के जवाब भी आप जान सकते हो.

2017 में Google के Google i/o में Google.ai को Launch किया गया जहाँ पे आपको AI Tools मिलेंगे और इसके साथ Google Lens की भी सुरुवात हुई जिसके जरिये आप किसी की भी फोटो को लेके आप जान सकते हो वो है क्या ???

तो ये था अब तक का Google का इतिहास तो आगे भी इसे Google आगे चलता रहेगा देखते है क्या कुछ नया लेके आयेगा.


Google Full Form in Hindi

GOOGLE का FULL FORM होता है – “GLOBAL ORGANIZATION OF ORIENTED GROUP LANGUAGE OF EARTH

गूगल का मालिक कौन है?

गूगल कंपनी का मालिक Larry Page और Sergey Brin है.

गूगल के CEO कौन है?

गूगल के CEO है Sunder Pichai जो की भारतीय मूल के है. ये सच में हमारे लिए एक फक्र की बात है की एक भारतीय दुनिया के सबसे बड़े internet कंपनी का CEO है.

आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की सुन्दर पिचाई जी की हर साल करीब 1200-1300 करोड़ रूपये की तनख्वा पाते हैं.

गूगल किस देश की कंपनी है?

गूगल अमेरिका की कंपनी है जो इसके राज्य कैलिफ़ोर्निया में स्थित है. ये सवाल अक्सर लोगों के दिमाग में आता रहता है. वहीं Google के branches बहुत से देखों में स्तिथ है, उनमें भारत भी शामिल है.

Google के कुछ और Products

यहाँ पे आप जानोगे क्या क्या Google Products है, उनके काम के बारे में और वो किस काम आते हैं. एक एक कर के सीखते हैं.

Search – इसका इस्तिमाल हर कोई इन्टरनेट यूजर करता है. इसके इस्तमाल से आप Google में कोई भी चीज़ के विषय में खोज सकते हैं.


Android – यह दुनिया के सबसे ज्यादा इस्तिमाल होने वाला मोबाइल OS है. आपको हर एक दुश्रे के हात में यह देखने को मिलेगा.

Chrome Browser – एक ऐसा browser जो की fast, simple और secure browser हो सभी devices के लिए.

Blogger – अपन खुद का BLOG बना सकते हो. ये बिलकुल ही free service होती है जहाँ पर आप अपने thoughts लोगों तक पहुंचा सकते हैं.

ChromeOS – Laptop और Computer के लिए Operating System

Gmail – electronic e-mail सेवा. इससे आप अपने संदेश को e-format में भेज सकते हैं.

Chromecast – इससे आसानी से आप Stream कर सकते हैं movies, music और बहुत कुछ आपके phone से आपके TV पर.

Google+ – एक social website गूगल के द्वारा बनाया गया था, लेकिन इसे google बंद करवा दिया है.

Google Pay – Google Pay अब सबसे आसान तरीका है अपने पैसों को कहीं भेजने के लिए.

Books -जिसमे आपको पढने के लिए बोहत सारी किताबे मिलेंगी वो भी e format में.

Calendar -जिसमे आप दिन बहर क्या क्या करना चाहते हो, किसी के साथ meeting करना ये सब डिटेल आप यहाँ पे स्टोर कर सकते हो.अपने दोस्त के साथ Event भी Share कर सकते हो.

Contacts – आपके family और friends के addresses और numbers, को एक साथ रखने के लिए. इन्हें आप synchronize भी कर सकते हैं किसी भी device में.

Docs – Microsoft Office Document को Online खोलने के लिए ये इस्तेमाल होता है जैसे Word, xl, txt.

Google Drive – जहाँ अपने Data रख सकते हो और जब चाहो तब Data को Download कर सकते हो.

Earth – इसके जरिये आप पूरी दुनिया की शेर कर सकते हो घर बैठे.

Image – जिसमे आप कोई भी तस्वीर को Search कर सकते हो.

Keep – इसमें आप अपने विचारों को notes, lists और voice memos के तरह रख सकते हैं और उन्हें कहीं से भी access कर सकते हैं.

Maps – ये एक एसा App है जिसमे आप कोई जगह को बड़ी आसानी से Search कर सकते हो और जाने के लिए रास्ता भी ढूंड सकते हो.

Google Ads – Advertise करें ऐसे लोगों को जो की आपके products को search कर रहे हों.

AdSense – अपने contents को Monetize करें ads से जिससे आपको उसकी सही कीमत मिल सके.

Analytics – इससे आप customer की insights को देख सकते हैं, जिससे आप अपनी strategy बना सकें.

Google My Business – अपने business info को लोगों के सामने लायें Google Search और Maps में.

Google Wifi – एक fast signal जो की आपके पुरे घर में signal पहुंचाए.

Google Now – जिसमे आप कोई भी Information को आसानी से Search कर सकते हो जैसे Google में करते हो,और ये वही Information देता है जिसके बारे में आप Search करते हो.

Google Patents – इसमें अप लाखो Patents Search कर सकते हो.

Google Photos – ये Online जगह है जहाँ आप photos, Videos रख सकते हो. जब चाहो तब download कर सकते हो.

Google Allo – एक smart messaging app जो की आपकी मदद करता है ज्यादा कहने के लिए और ज्यादा करने के लिए.

Google Duo – एक smart video calling app जिससे आप high-quality video calling कर सकें Android और iOS platform में.

Google Translator – जिसमे आप करीबन 100 language को Translate कर सकते हो.

Wear OS – ऐसा OS जो की आपके प्रत्येक minuter को track करे जिससे आप ज्यादा fit रहो, stay connected, stay ahead.

YouTube – ये Video Sharing Site है, इस में जो विडियो Search करोगे वो यहाँ पे आपको जरुर मिलेगा.

ये थी कुछ जानकारी Google के Products की.

गूगल के संस्थापक – किसके shares ज्यादा हैं?

अब चलिए जानते हैं की Google company में किसके पास कितना share है इस Company की, वैसे Google का Share बहुत से लोगों के पास है लेकिन मैं बस तिन खास लोगों के नाम बताऊंगा जिनके पर shares की तादाद सबसे ज्यादा है : –

1. Larry Page – 27.4%
2. Sergey Brin – 26.9%
3. Eric Schmidt – 5.5%

GOOGLE का MISSION STATEMENT क्या है?

Google का mission statement है “ Our mission is to organise the world’s information and make it universally accessible and useful”.


गूगल अपनी कमाई कैसे करती है – How does Google earn in Hindi

यदि आप ध्यान से देखें तो पाएंगे की Google अपने अधिकतर services के लिए आपको charge नहीं करता है. वो चाहे तो GMail हो, Video Service जैसे की YouTube हो, या फिर Google Search हो. यहाँ पर इन servies को इस्तमाल करने के लिए आपको एक भी रुपयों का भुक्तान नहीं करना पड़ता है. अब सवाल उठता है की जब गूगल हमें इतने सभी free service उपलब्ध करवाता है तब फिर ये अपनी कमाई करता कैसे है ?

सोचने वाली बात ये है की इतनी सारी अनगिनत सेवाएं देने के बावजूद भी गूगल कमाई करने में नंबर 1 कैसे है?

इसका सबसे सठिक जवाब है Advertisement से.

जी आपने बिलकुल ही सही सुना. Google ने अपने एक report में ये साफ़ तोर से दर्शाया है की इनकी Income की 96% से भी ज्यादा कमाई केवल Advertisement से ही होती है.

आपको Google या Google में दिखने वाली जितनी भी websites या blogs पर जो भी ads दिखाई पड़ते हैं उनमें करीब 70% ads गूगल के द्वारा ही तैयार किये गए होते हैं. चूँकि Google एक बहुत ही बड़ा Search Engine है इसलिए इसमें करीब 1 Billion result ढूंढे जाते हैं. इससे आप Google के traffic के बारे में सोच सकते हैं.

तो इसका जवाब है इसकी कमाई का जरिया भी आप ही हैं. जी हाँ “आप” वो कैसे चलिए मैं आपको समझाता हूँ. गूगल एक बहुत advertising कंपनी है और इसके सबसे बड़े प्रोडक्ट आप ही हैं. इसकी 96% जो कमाई होती है वो advertisement यानि विज्ञापन के माध्यम से ही होता है. हर दिन गूगल सर्च क्वेरीज के रूप में 1 billion रिजल्ट पूरी दुनिया के लोगों को दिखाता है. इसके साथ ही ये कई billion विज्ञापन भी साथ में लोगों को दिखाता है. का राज़ इनके काम करने के scale में छुपा हुआ है.

इसमें ये आपके सबसे online गतिविधियों को track कर रहा होता है. इसलिए ये आपको वो सभी ads दिखता है जिनकी search आप पूर्व कभी किये हुए होते हैं. इसलिय ज्यादा chances हैं की आप इन्हें ads को click कर उन चीज़ों को खरीदें. ये consumers के interest के अनुसार ही ads शो करता है.

ऐसे में सभी लोग जो की Google Services का इस्तमाल करते हैं वो एक तरह से इसके products बन जाते हैं. जिन्हें की ये दुसरे companies की selling करने में मददगार साबित होती है. इसलिए ज्यादातर compaines google ads का ही इस्तमाल करते हैं अपने products के promotion के लिए.

ये विज्ञापन या advertisiement सेवा कैसे देती है चलिए इस पर एक नज़र डाल लेते हैं.

Google Ads/Adwords

Adwords” Google की एक online advertising service है, जहा advertisers पैसे pay करते है और गूगल उनके business की advertise सही लोगो तक पहुँचाता है . Adwords की खास बात यह है, आपको पैसे तभी पे करने है जब विजिटर आपकी business ad पर कोई action लेता है, परस्पर प्रभाव डालता है.

जो कंपनियां अपनी सेवा को दुसरे लोगों तक पहुँचाना चाहते हैं या फिर अपने products की promotion करना चाहते हैं. वो इन google ads या Adwords का इस्तमाल करते हैं.

यहाँ पर आपको अपने ads बनवाने के लिए सभी जरुरी information को प्रदान करना होता है. जिससे की आपके ads को targeted customers तक आसानी से पहुँच सके. वहीँ ये केवल उन्ही लोगों को दृश्यमान होती है जिन्हें की उन products में दिलचस्पी हो. ऐसे में इस ads की सुविधा प्रदान करने के लिए बहुत से compaines को Google को पैसे प्रदान करने होते हैं.

Google Adsense

AdSense एक Google का product है जो publisher के website या blog पे automatic text, image और video के ads दिखता है.

यहाँ पर Google अपने ads का इस्तमाल Publishers के websites या blogs में करता है. इसके लिए वो ads के click होने से जितनी भी earning होती है उसे ये publishers के साथ बाँट देता है. यहाँ पर Google 55% राशी रखता है वहीँ Publishers के खाते में 45% जाती है.

इस तरह के advertisement में cost per thousand impression के रूप में पैसे लिया जाता है. साथ ही पब्लिशर को भी इसमें कुछ शेयर मिलता है.

Google publisher तक advertisers तक लाता है वहीँ publishers भी users को advertisers तक लाते हैं. ऐसे में Google एक माध्यम का कार्य करता है.

गूगल भारत में किस तरह पॉपुलर हुआ?

Google भारत में इतना ज्यादा popular होने के पीछे का मुख्य कारण है जिओ. जी आपने बिलकुल ही सही पढ़ा है. जब से JIO ने market में Free Internet Data प्रदान किया और बाद में भी काफी कम rates में internet प्रदान कर रहा है, इसलिए अब लोगों को internet browse करने के लिए की YouTube पर video देखने से पहले ज्यादा सोचना नहीं पड़ता है. वो बेझिझक इसका इस्तमाल कर सकते हैं.

एक समय ऐसा भी था जब हमे कोई भी Internet के कार्य करने के लिए Internet Cafe के ऊपर निर्भर होना पड़ता था. जो की हमसे अपने मन चाहे पैसे वसूलते थे. लेकिन अब समय बदल चूका है अब हमे कहीं जाने की जरुरत ही नहीं पड़ती है Internet इस्तमाल करने के लिए. अब आसानी से सभी कोई Google का इस्तमाल अपने जरूरत के सभी चीज़ों के लिए कर रहा है.

इसलिए शायद Google को Google Uncle के नाम से ज्यादा जाना जाता है, क्यूंकि ये हमारे द्वारा पूछे गए किसी भी सवाल का जवाब बड़ी ही आसानी से दे देता है वो भी तुरंत. वहीँ इसके algorithms इतने ज्यादा advanced हैं की हमें अपने सवालों के उचित जवाब प्राप्त होते हैं वहीँ ज्यादा खोजने की जरुरत भी नहीं पड़ती है.

दिनबदिन गूगल अपने users के लिए नई नई सेवाएं ला रहा है. हर साल ये कुछ न कुछ नयी सेवा जरूर लेकर आता है. इसलिए शायद Google केवल भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में अच्छे तरीके से छा चूका है.


यदि आपको यह post गूगल के खोजकर्ता कौन है पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook,Twitter और दुसरे Social Media पर share कीजिये. हमरे Blog को जरुर Subscribe करें जय हिंद धन्यबाद.