नमस्कार दोस्तों, मैं Subham sahu हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक under Graduate student हूँ. मुझे नयी नयी Technology से सम्बंधित चीज़ों को सीखना और दूसरों को सिखाने में बड़ा मज़ा आता है. मेरी आपसे विनती है की आप लोग इसी तरह मुझे सहयोग देते रहिये और मैं आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध करवाते रहूंगा.

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शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021

अप्रैल 02, 2021

CPU क्या है और कैसे काम करता है?

क्या आपको पता है की ये CPU क्या है? क्यूँ इसे computer का brain (मस्तिष्क) भी कहा जाता है? ऐसे बहुत से सवाल हैं जो अक्सर कई लोगों को परेशान करते हैं. जैसे हमारे शरीर में हमारा मस्तिष्क हमारे सारे प्रक्रियाओं को control करता है ठीक वैसे ही एक computer में भी CPU उसके भीतर और बहार हो रहे सभी प्रक्रियाओं को नियंत्रण करता है ख़ास इसीलिए ही CPU को brain of the computer भी कहा जाता है.

यह user के द्वारा दिए गए सभी instructions को handle करता है, और यह CPU के capacity के ऊपर है की वो कितनी जल्दी और किस हिसाब से उन instructions को process करता है. जितनी जल्दी वो कर सके उसे उतना ही बेहतर या efficient CPU कहा जाता है. चलिए सीपीयू के बारे में कुछ जानकारी लेते है.

जैसे जैसे Technology में advancement हो रही है, वैसे वैसे हमें ज्यादा से ज्यादा complex processes को process करने के लिए Fast CPU की जरुरत हो रही है जो की इन Complex calculation को सहजता से कर सकते और एक साथ बहुत से processes को handle कर सके, इस चीज़ को Multitasking भी कहा जाता है. ख़ास इसीलिए Software और Hardware Developers हमेशा बेहतर CPU को बनाने में लगे हुए होते हैं क्यूंकि उनकी demand भी बढती ही जाती है. एक उदहारण लेते हैं समझने के लिए.

जब आप कोई laptop या कोई desktop खरीदने के लिए जाते हैं दुकान में तब वो आपको कुछ technical specifications के विषय में बताते है जैसे की 64 bit quad core Intel i7, या i5 इत्यादि. यदि आप computer के field से नहीं है तब आपको इससे कुछ भी समझ में नहीं आएगा. लेकिन आखिर में वो क्या कह रहा है आपके पल्ले कुछ भी नहीं पड़ेगा. घबराये नहीं क्यूंकि आज हम इन्ही Technical specification, Cores, CPU के विषय में ही जानकारी प्रदान करने वाले हैं.

हर 6 महीने में बाज़ार में आपको नए processor वाले CPU नज़र में आयेंगे. ऐसे भी नए users के लिए कठिन होता है उन्हें कोन से processor का चुनाव करना चाहिए अगर वो कोई नया system खरीद रहे हैं तब. क्यूंकि आपके काम के हिसाब से आपकी requirement होती है.

ऐसे में अगर आपको basic काम ही करना है तब आपको ज्यादा advanced CPU लेने की कोई भी जरुरत नहीं है. क्यूंकि ऐसे कार्यों के लिए आपका normal CPU भी वो काम आराम से कर सकता है और आपको ज्यादा पैसों को खर्च नहीं करना पड़ेगा. लेकिन सही जानकारी न होने के कारण ही लोग हमेशा दुकानदारों के बहकावे में आ जाते हैं और ज्यादा कीमती CPU खरीद लेते हैं जो की उन्हें कभी भी जरुरत नहीं होती.

इसलिए आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट क्या है और कैसे काम करता है उसके विषय में सही जानकारी प्रदान करूँ जिससे आपको सही CPU का चुनाव करने में आसानी हो. तो फिर बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं और CPU क्या होता हैै


सीपीयू क्या है (What is CPU?)

क्या आपको पता है CPU का पूरा नाम क्या है? CPU का Full Form होता हिया Central processing unit. यह एक छोटा सा piece का hardware होता है जो की computer program के सभी instructions को process करता है. यह Computer system के सभी important tasks जैसे की arithmetical, logical, और input/output operations को handle करता है.

CPUs को कुछ इसप्रकार से बनाया जाता है की जहाँ billions की मात्रा में microscopic transistors को एक single computer chip में रखा जा सके. यही transistors की मदद से ही सभी calculations को किया जाता है जिनकी जरुरत programs को run करने के लिए किया जाता है जो की system के memory में store होते हैं.

CPU को इसीलिए computer का brain भी कहा जाता है क्यूंकि – सभी instruction, चाहे वो कितना भी simple क्यूँ न हो, सभी को CPU के माध्यम से ही जाना होता है. उदहारण के लिए आपको कोई alphabet type करते हैं जैसे की L तब ये Screen में appear होता है. इसे screen में appear होने में CPU का हाथ होता है.

इसीकारण CPU को central processor unit के नाम से भी refer किया जाता है, और short में इसे processor कहा जाता है. इसलिए जब आप कोई electronic store में कोई device का technical specification देख रहे होते हैं तब वहां पर जो processor specification होता है वो ही CPU है.

जब हम CPU के अलग अलग प्रकार के बारे में discus करते हैं तब इससे हमारा तात्पर्य उसके speed से रहता है. जैसे की वो कितनी जल्दी सभी function को पूर्ण करता है. हमें अपने काम करने में speed की ही जरुरत होती है, जितनी जल्दी हमारे काम की processing होगी उतनी ही जल्दी हम कोई नया काम को आसानी से कर सकते हैं.

जैसे जैसे हमारे instruction complex बनते हैं जैसे की 3D animation, video files की editing इत्यादि ऐसे में हमें ज्यादा बेहतर CPU की जरुरत होती है. इसलिए processor technology में जो भी technological advances हुए है वो सभी के पीछे speed ही सबसे महत्वपूर्ण कारण रहा है.

CPU को हम बहुत से नाम से जानते हैं जैसे की processor, central processor, या microprocessor इत्यादि. यह अपने Software और Hardware से जो भी instructions receive करता है चाहे वो जितना भी छोटा क्यूँ न हो उसे ये process करता है. इसलिए Computer का यह एक बहुत ही major हिस्सा है.

CPU technology में जो भी advancements होते हैं उसमें एक चीज़ को ज्यादा अहमियत दी जाती है वो ये की कैसे transistors को छोटे से और छोटा किया जा सके. ऐसा इसलिए क्यूंकि इससे उन CPU को ज्यादा efficient बनाया जा सके और उनकी speed को कई गुना तक बढाया जा सके.

इस चीज़ के बारे में सबसे पहली बार एक वैज्ञानिक जिनका नाम Moore है उन्होंने कहा था. इसलिए इस चीज़ Moore’s Law भी कहा जाता है.

सीपीयू का फुल फॉर्म क्या है?

CPU का फुल फॉर्म है Central Processing Unit. अगर आप इसे हिंदी में ट्रांसलेट करेंगे तो यह होता है “केंद्रीय प्रक्रमन एकक“.

CPU को हिंदी में क्या कहा जाता है ?

CPU को हिंदी में केंद्रीय प्रचालन तंत्र या केंद्रीय प्रसंस्करण इकाई कहा जाता है.

सीपीयू के कार्य

तो चलिए जानते हैं Central Processing Unit (CPU) के कुछ महत्वपूर्ण features के विषय में

  • CPU को computer का brain माना जाता है.
  • CPU सभी प्रकार के data processing operations करता है.
  • ये data, intermediate results, और instructions (program) को store करता है.
  • इसके साथ ये computer के सभी parts के प्राय सभी operations को control करता है.

CPU कैसे काम करता है

आपको ये जानना जरुरी है के CPU क्या काम करता है. वैसे तो हम ये जानते ही हैं की CPU जो कार्य करता है वो बहुत ही important होते हैं लेकिन अब हम जानेंगे की कैसे ये CPU काम करता है. CPU के उत्पत्ति से अभी तक इसमें ऐसे बहुत सारे improvements किये गए है पिछले कई बर्षों में.

इतने सारे improvements के वाबजूद भी CPU के जो basic function हैं वो अभी तक भी same है. इसके जो basic function हैं वो हैं fetch, decode, और execute. चलिए इनके विषय में विस्तर में जानते हैं.

Fetch

जैसे की शब्द से मालूम पड़ता है इसमें instruction को receive किया जाता है. इसमें instruction का मतलब है की series of numbers जिसे की RAM से CPU तक pass किया जाता है. प्रत्येक instruction एक छोटा सा ही part होता है किसी operation का, इसलिए CPU को ये पता होना चाहिए की कोन सा instruction next आ रहा है. Current instruction address को program counter (PC) के द्वारा रखा जाता है.

फिर PC और instructions को Instruction Register (IR) में place किया जाता है. उसके पश्चात PC length को बढाया जाता है जिससे उसे reference किया जा सके next instruction’s address पर.

Decode

एक बार instruction को fetch और store कर लिया गया IR में, फिर CPU उस instruction को pass कर देती है एक ऐसी circuit में जिसे की instruction decoder कहते हैं. ये फिर उस instruction को convert करती है signals में जो की बाद में pass किया जाता है दुसरे CPU के parts के द्वारा आगे के action के लिए.

Execute

ये आखिर का step होता है, जिसमें decoded instructions को CPU के relevant parts पर भेजा जाता है complete होने के लिए. फिर results को अक्सर write किया जाता है CPU register में, जहाँ पर उन्हें reference किया जा सकता है later instructions के द्वारा. यहाँ आप इन्हें अपने calculator के memory function के तरह समझ सकते हैं.

CPU के हिस्सों के बारे में जानकारी.

यहाँ पर जानेंगे की CPU के components क्या है और वो क्या काम करते हैं. वैसे तो CPU के मुख्य तीन components होते हैं.

  • Memory या Storage Unit
  • Control Unit
  • ALU (Arithmetic Logic Unit)

Memory या Storage Unit

ये unit system के instructions, data, और intermediate results को store करते हैं. ये unit दुसरे सभी units को information भी प्रदान करते हैं जरुरत पड़ने पर. इसे internal storage unit या main memory या primary storage या Random Access Memory (RAM) भी कहा जाता है.

इसकी size affect करती है इसके speed, power, और capability पर. Primary memory और secondary memory दो ऐसे memories होते हैं जो की computer में मेह्जुद होते हैं.

Memory Unit के Functions क्या हैं

  • यह processing के जरुरत हुए सभी data और instructions store करती हैं.
  • यह सभी intermediate results of processing को store करते हैं.
  • यह final results of processing को store करी हुई होती है जब उन्हें output device में release तब किया भी नहीं हुआ होता है output device में.
  • सभी inputs और outputs को main memory के द्वारा transmit किया जाता है.

Control Unit

ये unit computer के सभी parts के operations को control करती हैं लेकिन ये कोई actual data processing operations नहीं करती हैं.

Control Unit के Functions क्या हैं

  • ये data और instructions के transfers को control करने के लिए काम में आता है जिन्हें की computer के दुसरे units को transfer करने के लिए किया जाता है.
  • ये computer की सभी units को manage और coordinate करने के लिए किया जाता है.
  • ये memory से instructions को प्राप्त करता है, उन्हें interpret करता है, और उन operation को computer तक direct करने के लिए इस्तमाल किया जाता है.
  • यह Input/Output devices के साथ communicate करता है data transfer के लिए और storage से results के लिए.
  • ये कोई भी चीज़ process नहीं करता और न ही कोई data store करता है.

ALU (Arithmetic Logic Unit)

इस unit में दो subsections होते हैं जिन्हें की कहते हैं,

  • Arithmetic Section
  • Logic Section

Arithmetic Section
इस arithmetic section का function है की ये सभी arithmetic operations जैसे की addition, subtraction, multiplication, और division को perform करती हैं. सभी complex operations को ऊपर बताए गए operations को repetitive use कर ही किया जाता है.

Logic Section
इस logic section का जो मुख्य function है वो ये की ये सभी logic operation जैसे की comparing, selecting, matching, और merging of data को perform करती हैं.

सीपीयू के प्रकार (Types of CPU in Hindi)

जैसे की हम जानते हैं की computer CPU (जिसे short में Central Processing Unit) कहते हैं एक बहुत ही vital component है जो की सभी instructions और calculations को handle करती हैं जिन्हें उसे send किये जाता है दुसरे computer’s components और peripherals से. Software Programs किस speed से काम करती है ये भी CPU के ऊपर निर्भर करता है की वो कितने powerful हैं.

इसलिए ये महत्वपूर्ण है की आप सही CPU का चुनाव करें जिससे वो सभी कार्यों को जरूरत अनुसार handle कर सकें. अभी पूरी दुनिया में दो सबसे बड़े leading CPU manufacturers है Intel और AMD, जिनके पास अपने ही प्रकार के CPUs मेह्जुद हैं.

Single Core CPUs

Single core CPUs सबसे पुराने type के computer CPU में available होते हैं और सबसे पहले इन्ही प्रकार के CPU का इस्तमाल में लाया गया.

Single core CPUs में केवल एक समय में एक ही operation किया जा सकता है, इसलिए ये multi-tasking के लिए सही option नहीं हैं. जब भी user एक से ज्यादा application run करने को चाहे तब इनका performance बड़ी जल्दी ही कम हो जाता है.

यदि आप कोई दूसरा application run करने को चाहें तब आपको पहला ख़त्म होने तक का इंतजार होना पड़ेगा. नहीं तो पहला operation बहुत ही slow हो जायेगा. इस प्रकार के CPUs में computer का performance ज्यादातर clock speeds के ऊपर निर्भर करता है और जो की power का भी measurement है.

Dual Core CPUs

एक dual core CPU single CPU ही होता है लेकिन इसमें दो cores होते हैं और इसलिए ये दो CPUs के तरह ही function करता है.

जहाँ single core CPU में processor को different sets of data streams में switch back और forth करना होता है अगर ज्यादा operation करना हो वहीँ dual core CPUs बड़े ही आराम से multitasking को handle कर सकता है वो भी efficiently.

Dual Core का ज्यादा advantage लेने के लिए दोनों operating system और जो programs उसमें run कर रही है, दोनों में एक special code का लिखा होना बहुत ही आवश्यक है जिसे की SMT (simultaneous multi-threading technology) कहा जाता है. Dual core CPUs Fast होते हैं single core के तुलना में लेकिन quad core CPUs के तरह नहीं होते हैं.

Quad Core CPUs

Quad Core CPUs further refinement होते हैं multi-core CPU design का और इसमें four cores को एक single CPU में feature किया जाता है. जैसे की एक dual core CPUs में workload को split किया जाता है two cores के भीतर, ठीक वैसे ही quad cores में और भी ज्यादा मात्रा में बड़े multitasking कार्य किया सकता है. इसका ये मतलब नहीं है की एक single operation चार गुना तक faster हो जायेंगे.

ये केवल SMT Code के होने से ही possible है. इन CPUs में speed ज्यादा noticeable नहीं होते हैं. लेकिन हाँ जिन users को बहुत सारे heavy tasks जैसे की Video editing, Games, animations जैसे tasks अगर एक साथ करना है तब ये CPUs उनके जरुर काम में आने वाले हैं.

CPU कितना महत्वपूर्ण हैं?

जैसे की मैंने पहले ही कहा है की CPU एक computer के लिए कितना महत्वपूर्ण है. चूँकि इसे brain of computer भी कहा जाता है इसलिए आप समझ ही गए होंगे की ये कितना महत्वपूर्ण है.

चूँकि ये solely responsible है program के भीतर commands को execute करने के लिए, जितनी ज्यादा CPU की capacity होगी उतनी ही ज्यादा जल्दी से ये अपने applications को run कर सकते हैं.

CPU Cores क्या है और CPU में कितने Cores होते हैं?

पहले के समय की computing की बात करें तब पहले CPU में single core हुआ करते थे. इसका मतलब है की CPU केवल एक single set of tasks तक ही limited होते थे.

ख़ास इसी कारण के वजह से ही पहले के computers में computing की speed बहुत कम होती थी और वो कार्य करने के लिए ज्यादा समय लगाते थे.

लेकिन समय के साथ और ज्यादा computing power के requirement के कारण ही manufacturers को performance बढ़ाने के लिए नए तरीकों का अवलंबन करना पड़ा. और इसी performance को improve करते वक़्त multi-core processors का जन्म हुआ. जो की आजकल हम dual, quad, और octo-core CPU के विषय में सुन रहे हैं.

Dual Core Processor : एक dual-core processor में दो separate CPUs एक single chip में मेह्जुद होते हैं. Cores की संख्या को बढ़ा देने से, CPUs multiple processes को simultaneously handle करने में सक्षम हो जाते हैं.

इससे manufacturers को उनके requirements के अनुसार ज्यादा performance वाला और processing time कम लेने वाला CPU मिल जाता है.

Dual-core के आने से ये आगे quad-core processors जिसमें four CPUs होते हैं, उसे ये develop करने में सहायक होते हैं. वैसे ही octo-core processors भी.

Hyper Threading क्या है?

कुछ CPUs अपने मेह्जुदा physial core को virtualize कर ज्यादा cores की क्ष्य्मता उत्पन्न कर देते हैं. इस प्रक्रिया को Hyper Threading कहा जाता है. उदहारण के लिए Single core को इस्तमाल कर उसे dual cores के तरह virtualize कर देना. इससे single core के होते हुए भी dual cores का काम करवाया जा सकता है.

Virtualizing का अर्थ है की एक CPU जिसमें एक core मेह्जुद हो लेकिन वो dual core के तरह function करने लगे. यहाँ पर additional cores का मतलब है की separate threads का होना. लेकिन यहाँ पर ये जानना चाहिए की physcial core ज्यादा बेहतर perform करते हैं virtual cores के तुलना में.

Multithreading क्या है?

यहाँ पर thread को cores माना गया है. माने की एक single thread को आप एक single piece of computer process मान सकते हैं. वहीँ Multithreading का मतलब है की ज्यादा threads को एक साथ process करना.

मतलब की एक single CPU में ज्यादा number के instructions को समझा और process किया जाता हो एक ही समय में. इससे CPU core एक ही समय में ज्यादा काम एक साथ process कर सकती है. जिससे computing speed बहुत ही बढ़ जाती है.

Intel Core i3 vs. i5 vs. i7

चलिए Intel के अलग अलग CPU के विषय में जानते हैं. कैसे ये processor काम करते हैं. आप जरुर सोच रहे होंगे की Intel के i7 processor बेहतर प्रदर्शन करता है i5 और i3 के मुकाबले. और ये सच भी है. क्यूंकि i7 ज्यादा बेहतर होता है i5 से और i5 बेहतर होता है i3 से.

लेकिन क्या आप जानते हैं की ये processor क्यूँ एक दुसरे से भिन्न है और एक दुसरे से performance के मामले में अलग हैं. लेकिन इसे समझना आसान है, चलिए इसके बारे में जानते हैं.

Intel Core i3 processors dual-core processors होते हैं, वहीँ i5 और i7 processors quad-core होते हैं.

Turbo Boost जैसे feature के होने से i5 और i7 chips ज्यादा बेहतर काम करते हैं. इस turbo boost से ये processor को enable करता है अपने clock speed को base speed से ज्यादा करने में मदद करता है, जैसे की 3.0 GHz से 3.5 GHz तक, जब भी उन्हें इसकी जरुरत पड़े तब. लेकिन Intel Core i3 chips में ये feature नहीं होते हैं.

वो Processor models जिनके ending में “K” लिखा हुआ होता है वो आसानी से overclocked किया जा सकता है, इसका अर्थ है की additional clock speed को force किया जा सकता है और जरुरत के समय पर उसे utilize किया जा सकता है.

Hyper-Threading, जैसे की मैंने पहले ही इसके विषय में बता चूका हूँ, ये enable करता है दो threads को एक साथ process करने के लिए each CPU core में. इसका मतलब है की i3 processors जिसमें Hyper-Threading support करता है उसमें चार simultaneous threads को (क्यूंकि वो dual-core processors होते हैं) एक साथ process किया जा सकता है.

वहीँ Intel Core i5 processors Hyper-Threading को support नहीं करता है, इसका मतलब है की वो भी four threads के साथ एक ही समय में कार्य कर सकते हैं. वहीँ i7 processors लेकिन इस technology को support करते हैं (क्यूंकि ये quad-core है) इसलिए ये एक समय में 8 threads को process कर सकते हैं.

क्यूंकि बहुत से device में power constraints के होने से जिसमें continuous supply of power नहीं होता है वहां पर सभी processors चाहे वो i3, i5, या i7 हो उन्हें अपने performance और power consumption को balance करना होता है.

CPU कैसे दिखाई पड़ता है और ये कहाँ पर स्तिथ होता है?

एक modern CPU usually छोटा और square shape का होता है, जिसमें की बहुत से short, rounded, metallic connectors निचे के तरफ लगे होते हैं. लेकिन कुछ पुराने CPUs में pins होते हैं metallic connectors के जगह में.

CPU directly attach होते हैं CPU “socket” के साथ (या sometimes a “slot”) जो की motherboard में स्तिथ होता है. CPU को inserted किया जाता है socket pin-side-down में, और एक छोटा lever उस processor को secure करने में मदद करता है.

चूँकि CPU को बहुत से processes को एक साथ करना होता है इसलिए कुछ समय run होने के कारण ये modern CPUs ज्यादातर समय hot (गरम) हो जाते हैं. इसलिए इस heat को दूर करने के लिए ये जरुरी है की उसके साथ एक heat sink और एक fan को directly CPU के top में attach करें. Typically, ये CPU के साथ bundled होकर आता है जिसे आपको जरुर खरीदना चाहिए.

दुसरे advanced cooling options की बात करें आप water cooling kits का इस्तमाल कर सकते हैं. इन CPU को install करते वक़्त उनका ख़ास ख्याल रखें क्यूंकि इसके pins बहुत ही sophisticated होते हैं.

CPU Clock Speed क्या है?

किसी भी processor का Clock speed उसे कहते हैं जहाँ की एक processor एक second में कितने number of instructions को process कर सके. इसे gigahertz (GHz) में measure किया जाता है.

उदहारण के तोर पर अगर एक CPU का clock speed है 1 Hz तब इसका मतलब है की ये एक second में एक ही instruction को process करता है. वहीँ अगर एक CPU की clock speed 3.0 GHz तब ये एक second में 3 billion instructions को process कर सकती हैं.

CPU के Advantages क्या है

वैसे तो CPU के बहुत सारे advantages हैं एक Computer में. लेकिन यहाँ पर हम केवल कुछ ही advantages के विषय में बात करेंगे.

Mathematical Data का Fast Calculation करना

Computer Processor या CPU का जो primary advantage वो ये की इससे आप fast calculation कर सकते हैं mathematical data का. यह एक बहुत ही important reason है क्यूँ computers कुछ tasks में इंसानों से भी आगे होते हैं उदहारण के लिए Mathematical modeling.

इसी fast calculation of mathematical data के आधार पर ही computer में बहुत से tasks किया जा सकता है जैसे की video game, photo editing इत्यदि.

A Dynamic Circuit

एक modern computer processor basically एक dynamic circuit होता है. इसमें करोड़ों के मात्रा में tiny switches होते हैं जिन्हें की transistors कहा जाता है. Processor के दुसरे components इन tiny switches के configuration को control करते हैं उनके input data के हिसाब से या active application से.

यही tiny switches बड़े और complex dynamic circuits तैयार करती है, जैसे की printed circuit board (PCB) में होता है electronics में. इसी तरह से एक computer दुसरे electronics के function को emulate कर सकती हैं.

Basic Computer Functionality

किसी भी computer का एक primary basis होता है एक processor. बाकि सभी hardware components को processor के हिसाब से ही बनाया गया होता है. इसके बिना computer के बाकि hardware और software बिलकुल ही pointless है.

सभी input और output peripherals पूरी तरह से processor पर ही depend करते हैं data के input और output के लिए. क्यूंकि इसी processor के माध्यम से ही input data processed होकर output तक पहुँचती है. ये processor ही है जहाँ पर computer कोई भी चीज़ compute करता है.

सीपीयू की परिभाषा

सभी computer में जो की आपके office में आप देख सकते हैं उसमें आपको एक बहुत ही महत्वपूर्ण चीज़ होती है जिसे की Central Processing Unit, या CPU कहते हैं. ये CPU सभी प्रकार की arithmetic और logical decisions process करती है वो भी billions of operations per second के speed में.

Computer के प्राय सभी components CPU को serve करते हैं और data को fetch कर, store कर और finally screen में results को display करने में. तो चलिए इसके कुछ कार्यों के ऊपर नज़र डालते हैं.

Calculations

एक CPU सभी basic arithmetic जैसे की addition, subtraction, multiplication और division बहुत ही high speeds में करती हैं. चूँकि complex math functions में long chains के simple arithmetic होते हैं, इसलिए आपका computer भी इन trigonometry, logarithms और दुसरे tough math problems को fast कर सकता है.

उदहारण के लिए आपके computer का CPU hundreds of spreadsheet cells को calculate कुछ ही fraction of a second में कर सकता है.

Logic

CPU बहुत से logic decisions को simple comparisons के आधार पर करता है, जैसे की greater-than condition, less-than condition और equal-to condition. फिर CPU comparison के outcome के हिसाब से अपने action लेता हैं.

Moving Data

CPU अपना बहुत सा समय data को एक जगह से दूसरी जगह तक move करने में लगा देता है. उदहारण के लिए किसी file को hard drive से read (पढना) करना, data में कुछ calculation करना और बाद में उसे किसी दुसरे file में write करना.

Multitasking

CPU बड़ी आसानी से “multitasks,” कर सकता है, इसके लिए इसे अलग अलग प्रकार के programs में switch करना होता है. और priroty के हिसाब से काम करना होता है. इससे CPU memory का full use करता है. Multitasking के होने से एक साथ बहुत से काम parallelly चल सकते हैं बिना किसी task को बंद किये.

CPU का भविस्य

जैसे जैसे technology में advancement हो रही है. वैसे ही CPU में भी कई ऐसे advancement होने लगेंगे जैसे की superconductor graphene का इस्तमाल Silicon के स्थान पर या उसके साथ मिलकर.

प्रत्येक वर्ष CPU की size धीरे धीरे कम हो रही है. जैसे की latest generation की Intel architecture को manufactured किया गया है 22 nanometers में (nm = 1 billionth of a meter). सुना जा रहा है की next-generation की CPU इससे भी कम केवल 14nm में होने वाला है.

इसके छोटे हो जाने से power consumption को भी lower किया जा सकता है और extra cores को भी add किया जा सकता है CPU में, इससे Moore’s law को भी intact रखा जा सकता है.

धीरे धीरे ये size निरंतर कम होने में लग रहा है. लेकिन ये जितना भी छोटा हो जाये लेकिन Silicon के atom के size से तो बड़ा ही होगा क्यूंकि उससे ये छोटा हो ही नहीं सकता. तब ये इस बात की और इशारा कर रहा है की जल्द ही Silicon के स्थान पर कोई नयी चीज़ का इस्तमाल किया जा सकता है.

शायद वो चीज़ graphene हो? क्यूंकि ये बहुत ही smaller size की होती है. Extremely thin होती है, एक तरह की thinnest known materials है. इससे ये scientists को जरुर मदद करेंगी CPU के size को कम करने में. IBM ने report किया है की उन्होंने एक graphene “transistor” को develop किया है जो की 300GHz में भी काम कर सकती है.

जिस तरह से technology का इस्तमाल हो रहा है उससे ये बात तो साफ़ है की CPU Industry में बहुत ही जल्द Graphene CPU का इस्तमाल देखने को मिल सकता है. ये तो समय ही बताएगा की आगे CPU में क्या changes आने वाले हैं.

Frequently Asked Questions (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

1Led से CPU कैसे connect करे?

A – Led Tv को CPU के साथ connect करने के लिए आप male-to-male HDMI cable का इस्तमाल कर सकते हैं. इसके लिए आपको Tv का input बदलना होगा remote से. फिर आपको computer के display settings में कुछ बदलाव लाना होगा. ऐसा करने से आप CPU से आसानी से LED Tv को connect कर सकते हैं.

2सबसे अच्छा CPU कौन सा है?

A – वैसे Market में बहुत से CPU होते हैं. यहाँ मैंने कुछ CPU के नाम बताये हैं जो की best हैं.

1 – Intel® Core™ i5-8600

2 – AMD Ryzen 5 1600

3 – AMD Ryzen 5 2600X

4 – Intel® Core™ i5-8600K Desktop Processor

5 – Intel® Core™ i7-8700K Desktop Processor

3CPU AC पे चलता है या DC पर?

A – CPU को चलाने के लिए DC current का इस्तमाल किया जाता है.

4Cpu का अविष्कार किसने किया और कब किया?

A – CPU की basic architecture की design Marcian Edward “Ted” Hoff ने की थी. और इसी architecture को इस्तमाल कर Federico Faggin ने सबसे पहले CPU (Microprocessor) बनया था. इसे Intel 4004 का नाम दिया गया था. इसे सन 1971 में बनाया गया था.

इस CPU में 4 bit architecture का इस्तमाल किया गया था, मतलब की ये ऐसे data को process किया जाता है जो की 4 bit length की होती है, और इसमें 256 bytes of Read Only Memory (ROM) होती थी, 32 bit RAM और एक 10 bit shift register.

इस CPU में 2,300 transistors का इस्तमाल होता हिया जो की करीब 60,000 operations per second कर सकता था. इसकी maximum operating frequency होती थी 740 KHz.

5सबसे पहला processor कोनसा आया था?

A – सबसे पहला processor Intel 4004 का आया था सन 1971 में.

61 CPU से अनेक Computer connect करना की प्रक्रिया की क्या कहते है?

A – 1 CPU को बहुत से computer को connect करने के लिए आप ASTER multi monitor software का इस्तमाल कर सकते हैं. ये एक third party software होता है.

7CPU और Operating System में अंतर क्या है?

A – इन दोनों में जो मुख्य अंतर वो ये की CPU एक Hardware होता है और वहीँ Operating System एक Software होती है. मतलब की CPU को operate करने के लिए Operating system का इस्तमाल होता है. उदहारण के लिए Windows XP, Windows 10.

832 bit और 64 bit processor कैसे पहचाने?

A – अपने Computer की processor की पहचान करने के लिए आपको Computer के ऊपर right click करना होगा. फिर properties को select करना होगा. इसमें आपको processor के बारे में पता चल जायेगा की वो 32 bit है या 64 bit का है.

आज आपने क्या सिखा?

आपको मेरा यह लेख सीपीयू क्या है (What is CPU?) और ये कैसे काम करता है? कैसा लगा मुझे comment लिखकर जरूर बताएं ताकि मुझे भी आपके विचारों से कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिले.

:धन्यवाद:

बुधवार, 3 मार्च 2021

मार्च 03, 2021

Yahoo क्या है और और किसने बनाया है?

यदि आपसे कोई पूछे की ये Yahoo क्या है (What Is Yahoo in Hindi)? तब इसका आसान सा जवाब है की Yahoo एक search engine होता है, ठीक Google के ही तरह यह भी users के queries को पुरे internet में खोजकर उनके सामने search results में प्रदर्शित करता है. वैसे अगर आपको ये जानना है की Yahoo का इतिहास क्या है, yahoo account को verify कैसे करते है, ये काम कैसे करता है, तब शायद आपको यह article Yahoo क्या है पूरी तरह से पढ़ना होगा. क्यूंकि मुझे यकीन है की अगर आप इस article को ठीक ढंग से पूरा पढ़ लेंगे तब यह post ख़त्म होने तक आपके मन में उठ रहे सभी सवालों के जवाब आपको मिल जांएगे.

Yahoo के बारे में आप सबने सुन रखा होगा और आप याहू को अच्छे से जानते होंगे. आपमें से कुछ लोग आज भी याहू का इस्तेमाल करते होंगे. आपको बता दे की याहू एक Search Engine है, जिसमे आप Google की तरह कुछ भी सर्च कर सकते है. Google की तरह याहू भी एक लोकप्रिय Search Engine है.


लेकिन वो बात अलग है की आज Google ने Yahoo को बहुत बुरी तरह से पछाड़ दिया है. आज सबकी जुबान पे सिर्फ और सिर्फ Google का ही नाम है. लेकिन एक वक्त Yahoo भी सफलता के पायदान पर था. आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे की याहू क्या है, इसका इतिहास क्या है और Yahoo के अकाउंट को कैसे वेरीफाई करते है?

याहू क्या है (What Is Yahoo in Hindi)


Yahoo का full form होता है “Yet Another Hierarchical Officious Oracle “.Yahoo एक Search Engine है जिस पर आप कुछ भी सर्च कर सकते है. याहू को 1995 में लांच किया गया था और आज Yahoo, Google और Bing के बाद सबसे ज्यादा search किया जाने वाला Search Engine है. Yahoo को आप Search Engine से ज्यादा एक directory मान सकते है, क्योंकि याहू सर्च के अलावा अपने यूजर्स को 40 से अधिक सेवाएं देता है.

याहू पर आप Calendar, News, Images, Finance, Gadget, Real State, Yahoo Mail, Music, Sports, Movies आदि सभी के बारे में जानकारी हासिल कर सकते है. Gmail की तरह याहू की भी एक मेल एर्विस है जिसे Yahoo Mail कहा जाता है. याहू अपनी Question-Answer सर्विस के लिए लोगों में काफी लोकप्रिय हुआ है.

Yahoo का इतिहास

Yahoo की शुरुआत 1994 में स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के दो स्टूडेंट जेरी यांग (Jerry Yang) और डेविड फिलो (David Filo) ने बनाया था और एक साल बाद यानी 1995 में इए याहू के नाम से लांच किया गया था. याहू ने सबसे पहले एक कमर्शियल Website लांच की जिसमे न्यूज़ के माध्यम से खबर और विज्ञापन चलते थे.


कुछ ही सालों में Internet सर्फिंग वाले लोगों के लिए याहू सबसे बेहतर ठिकाना था. लोग याहू पर ही सब कुछ सर्च किया करते थे. याहू कम्पनी का मुख्य ऑफिस कैलीफोर्निया में है. याहू का पूरा नाम “Yet Another Hierarchical Officious Oracle” है. पहले याहू का नाम “Jerry’S Guide To The World Wide Web” था.


Yahoo की मुर्खता बना उसके पतन का कारण

एक समय ऐसा था जब याहू ने Google को खरीदने के दो मौके गंवा दिए थे. जब Google ने याहू को उसे खरीदने का ऑफर दिया तब याहू ने दो बार Google के ऑफर को ठुकरा दिया और आज अंजाम आप देख ही सकते है याहू को आज कोई पूछता भी नहीं और Google के पीछे लोग पागल हुए जा रहे है.

याहू ने Google के ऑफर को यह कहकर ठुकरा दिया था की वे नहीं चाहते की याहू से लोग किसी और Search Engine पर जाए. उस समय Google सिर्फ एक Search Engine था जो कुछ ही सेकंड में यूजर को रिजल्ट दिखा देता था.


उस समय Yahoo को Google की 50 लाख डॉलर की रकम ज्यादा लगी थी और आज Google 522 अरब डॉलर से भी ज्यादा की कम्पनी है. याहू अपने यूजर तक सिमित रहना चाहता था और Google पुरे वर्ल्ड पर राज करना चाहता था और हुआ भी ऐसा ही आज Google को लोग सबसे लोकप्रिय Search Engine मानते है और कुछ भी सर्च करना हो Google पर ही सर्च करते है.

Facebook खरीदने का मौका भी गंवा दिया

2006 में Google की तरह Yahoo के पास फेसबुक खरीदने का भी मौका था. तब याहू ने फेसबुक के लिए एक अरब डॉलर की बोली लगाई थी, लेकिन अपने शेयरों में आई गिरावट के कारण उसने इसे घटाकर 85 करोड़ डॉलर कर दिया.
इस पर फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने दोबारा सोचा और डील से पीछे हट गये और आज फेसबुक का मार्किट 250 अरब डॉलर से ज्यादा का है. याहू ने यह दो सबसे बड़ी गलियाँ की जो बाद में उसी के पतन का कारण बनी.


Microsoft का ऑफर भी ठुकरा दिया

याहू चाहता तो 2008 में माइक्रोसॉफ्ट का ऑफर लेकर अपनी बुरी स्थिति टाल सकता था. Google की चुनोती से निपटने में लगा माइक्रोसॉफ्ट याहू के लिए 44 अरब डॉलर देने को तैयार था लेकिन याहू के बोर्ड को यह रकम काफी कम लगी और अब याहू सिर्फ 5 अरब डॉलर में वेराइजन की हो गयी.

क्या रहा है अब याहू के पास ?

कुल मिलाकर देखे तो याहू लगभग खत्म ही हो गया और उसका अस्तित्व अब इतिहास बन गया है. बस अब याहू जापान में 33.5 स्टेक और चीन की दिग्गज E-Commerce कम्पनी अलीबाबा में 15% की हिस्सेदारी रह जाएगी.


Yahoo के अकाउंट को वेरीफाई कैसे करें? How To Verify Yahoo Account

यहाँ पर मैंने कुछ Steps बताये हुए हैं जिसका उपयोग कर आप Yahoo के account को Verify करवा सकते हैं.

– सबसे पहले https://login.yahoo.com/ इस Website पर जाए.

– अब Don’T Have And Account Sign Up पर क्लिक करें.

– Sign Up पर क्लिक करने के बाद First Name, Last Name, Email Address, Password, Mobile Number, Date Of Birth आदि भरे और Continue पर क्लिक करें.

– अब एक बॉक्स में आपके Mobile Number होंगे जो की आपने Sign Up करते समय डाले थे और अब आप Texe Me An Account Key पर क्लिक करें.

– अब आपके Mobile पर एक टेक्स्ट मेसेज आएगा जिसे आप यहां डाले और Verify पर क्लिक करें.

– इस तरह आपका याहू अकाउंट वेरीफाई हो जायेगा.


Conclusion

मुझे आशा है की मैंने आप लोगों को याहू क्या है (What is Yahoo in Hindi)? के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को याहू कैसे काम करता है के बारे में समझ आ गया होगा. यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं.



शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2021

फ़रवरी 26, 2021

कम्प्यूटर क्या होता है इसकी विशेषताएं, इतिहास, परिभाषा की हिंदी में जानकारी

कम्प्यूटर क्या होता है इसकी विशेषताएं, इतिहास, परिभाषा की हिंदी में जानकारी

कम्प्यूटर हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. स्कूल से लेकर ऑफिस तक में इसका इस्तेमाल रोजाना किया जाता है. और दैनिक कामकाज निपटाने के लिए घरों में भी कम्प्यूटर का उपयोग खूब किया जा रहा है.

इसलिए हम सभी को अच्छी तरह से कम्प्यूटर का परिचय होना चाहिए. तभी हम इस इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का उपयोग ठीक ढंग से करने में कामयाब हो सकते है. साथ ही प्रतियोगि परिक्षाओं में भी कम्प्यूटर से संबंधित महत्वपूर्ण सवाल पूछे जाते है. इस कारण भी कम्प्यूटर की बेसिक जानकारी होना जरुरी हो जाता है.

कम्प्यूटर क्या है – What is Computer in Hindi?

Computer का नाम सुनते ही मन में सैंकडो‌ विचार आने लगते है. क्योंकि Computer सैंकडो‌ गतिविधियां अकेला कर सकता है. हाँ, सैंकडो! आपने सही पढा‌ और वो भी एक साथ.

Computer को शब्दो मे बांधना थोडा सा मुश्किल होता हैं. ऐसा इसलिए है कि हर इंसान computer का उपयोग अलग‌-अलग कार्यों के लिए करता है.

कम्प्यूटर के बारे में एक आम धारणा भी प्रचलित है कि Computer एक अंग्रेजी शब्द है. Computer का हिंदी में मतलब (Computer Meaning in Hindi) “गणना” होता है. इसका मतलब कम्प्यूटर एक गणकयंत्र (Calculator) है. लेकिन, कम्प्यूटर को एक जोडने वाली मशीन कहना गलत होगा. क्योंकि कम्प्यूटर जोडने के अलावा सैकडों अलग-अलग कार्य करता है.


अगर आप एक लेखक/टाइपिस्ट से पूछोगे कि कम्प्यूटर क्या है? तो वह शायद कहे की कम्प्युटर एक टाइप मशीन हैं. इसी तरह हम एक गेम खेलने वाले बालक से पूछे तो वह शायद कहे कि कम्प्यूटर तो एक गेम मशीन है. कम्प्यूटर ऑपरेटर से पूछोगे तो वह इसे ऑफिस का काम निपटाने वाली मशीन के संदर्भ में परिभाषित करने की कोशिश करेगा.


इसलिए हम कह सकते है कि Computer को किसी एक अर्थ में नही बांधा जा सकता है. कम्प्यूटर का मतलब उसके उपयोग के आधार पर हर व्यक्ति के लिए अलग है.

कम्प्यूटर के इतने अर्थ होने के बावजूद हमने आपके लिए कम्प्यूटर को परिभाषित करने कि एक कोशिश की है. इस कम्प्यूटर की परीभाषा को आप कम्प्यूटर की एक प्रमाणित परिभाषा नही मान सकते है. क्योंकि कार्य के आधार पर कम्प्यूटर के अर्थ भी बदल जाते है.

कम्प्यूटर की परिभाषा – Computer Definition in Hindi
“Computer एक मशीन है जो कुछ 

“Computer एक मशीन है जो कुछ तय निर्देशों के अनुसार कार्य को संपादित करते है. और ज्यादा कहे तो Computer एक इलेक्ट्रोनिक उपकरण है जो इनपुट उपकरणों की मदद से आँकडों को स्वीकार करता है उन्हें प्रोसेस करता है और उन आँकडों को आउटपुट उपकरणों की मदद से सूचना के रूप में प्रदान करता है.”

इस परिभाषा के स्पष्ट है कि कम्प्यूटर युजर द्वारा पहले कुछ निर्देश लेता है जो विभिन्न इनपुट डिवाइसों की मदद से प्रविष्ट कराए जाते है. फिर उन निर्देशों को प्रोसेस किया जाता है, और आखिर में निर्देशों के आधार पर परिणाम देता है जिसे आउटपुट डिवाइसों की मदद से प्रदर्शित करता है.

निर्देशों में कई प्रकार का डेटा शामिल होता है. जैसे; संख्या, वर्णमाला, आंकड़े आदि. इस डेटा के अनुसार ही कम्प्यूटर परिणाम बनाता है. यदि कम्प्यूटर को गलत आंकड़े दिए जाते है तो कम्प्यूटर भी गलत ही परिणाम देता है. मतलब साफ है कि कम्प्यूटर GIGO – Garbage in Garbage Out के नियम पर काम करता है.

                                 क्या आप जानते है?
कम्प्यूटर का जनक “चार्ल्स बैबेज” को माना गया है. इन्होने सन 1833 में Analytical Engine का आविष्कार किया था, जो आधुनिक कम्प्यूटर का आधार बना. इसी कारण उन्हे Father of Computer की उपाधी दी गई.

कम्प्यूटर का पूरा नाम क्या है – Computer Full Form in Hindi

कम्प्यूटर बहु-उपयोगी मशीन होने के कारण आज तक भी इसको एक परिभाषा में नही बाँध पाँए है. इसी कड़ी में कम्प्यूटर का पूरा नाम भी चर्चित रहता है. जिसकी अलग लोगों और संस्थाओं ने अपने अनुभव के आधार पर भिन्न-भिन्न व्याख्या की है. लेकिन, इनमे से कोई भी Standard Full Form नही है. मैंने आपके लिए एक कम्प्यूटर की फुल फॉर्म नीचे बताई है. जो काफी लोकप्रिय और अर्थपूर्ण है.

C – Commonly
O – Operating
M – Machine
P – Particularly
U – Used in
T – Technology
E – Education and
R – Research

अर्थात Commonly Operating Machine Particularly Used in Technology Education and Research.

                             कम्प्यूटर के विभिन्न प्रकार
कम्प्यूटर के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते हैं. इनके बारे में आप अधिक जानकारी कम्प्यूटर के प्रकार Lesson से ले सकते है.

अनुप्रयोग (Application)
उद्देशय (Purpose)
आकार (Size)

कम्प्यूटर का परिचय – Computer Introduction in Hindi

Computer अपना कार्य अकेला नही कर सकता है. Computer किसी कार्य को करने के लिए कई तरह के उपकरणों तथा प्रोग्राम की सहायता लेता है. Computer के ये उपकरण और प्रोग्राम क्रमश: ‘Hardware तथा Software ‘ के नाम से जाने जाते है. Computer के इन उपकरणों तथा प्रोग्राम के बारे में आप अगले Lessons में जान पाएंगे. एक आम Computer कुछ इस प्रकार दिखाई देता है.

ऊपर जो Computer आप देख रहे है इसे ‘डेस्कटॉप Computer‘ कहते है. वर्तमान समय में इसी प्रकार के Computer अधिक प्रचलित है. इस फोटो में आपको कई अलग-अलग उपकरण दिख रहे होंगे ये सभी मिलकर Computer मशीन को बनाते है. आइए इन उपकरणों के बारे में संक्षिप्त में जानते है.

1. System Unit

System Unit एक बक्सा होता है जिसमें Computer को अपना कार्य करने के लिए आवश्यक यंत्र लगे होते है. सिस्टम युनिट को CPU (Central Processing Unit) भी कहा जाता है. इसमें मदरबोर्ड, प्रोसेसर, हार्ड डिस्क आदि यंत्र होते है जो Computer को कार्य करने लायक बनाते है. इसे Computer Case भी कहते है.

2. Monitor

Monitor एक आउटपुट उपकरण है जो हमें दिए गए निर्देशों के परिणामों को दिखाता है. यह बिल्कुल टीवी के जैसा होता है. वर्तमान में मॉनिटरो की जगह एल सी डी एवं एल ई डी ने ले ली है.

3.Keyboard

Keyboard एक इनपुट उपकरण है जो हमें Computer को निर्देश देने के लिए होता है. इसकी मदद से ही Computer को वांछित आंकडे एवं निर्देश दिए जाते है. इसमे विभिन्न प्रकार की कुंजिया (keys) होती है इन्ही के द्वारा आंकडे एवं निर्देश Computer तक पहुंचाए जाते है. आप यहाँ से Keyboard का उपयोग  करना सीख सकते है.

4.Mouse

Mouse भी एक इनपुट उपकरण है जो Computer को निर्देश देने के लिए होता है. हम इसके द्वारा Computer में उपलब्ध प्रोग्राम को चुनते है. आप यहाँ से Mouse का उपयोग  करना सीख सकते है.

5.Speakers

Speakers आउटपुट उपकरण है जो हमें Computer से आवाज को सुनने में मदद करते है. इन्ही के द्वारा हमें गानों, फिल्मों, प्रोग्रामों तथा खेलों आदि में उपलब्ध ध्वनी सुनाई देती है.

6.Printer

Printer भी एक आउटपुट उपकरण है जो Computer द्वारा विश्लेषित सूचनाओं को कागज पर प्राप्त करने के लिए होता है. कागज पर प्राप्त होने वाली सूचनाओं को ‘हार्डकॉपी‘ भी कहते है. और इसके उलट जो सूचनाए Computer में ही रक्षित रहती है उन्हे ‘सॉफ्टकॉपी’ कहते है.

कम्प्यूटर की विशेषताएं – Characteristics of Computer in Hindi

कम्प्यूटर ने हम इंसानों द्वारा किए जाने वाले अधिकतर कामों पर कब्जा कर लिया हैं और इंसान को उसकी क्षमता से अधिक कार्य-क्षमता प्रदान की हैं. यह सब इस मशीन के खास गुणों के कारण संभव हैं. तभी हम इंसान कम्प्यूटर को अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं. कम्प्यूटर की कुछ खास विशेषताएँ निम्न हैं.

1.गति – Speed

1. कम्प्यूटर बहुत तेज गति से कार्य करता हैं.
2. यह लाखों निर्देशों को केवल एक सैकण्ड में ही संसाधित कर सकता हैं.
3. इसकी डाटा संसाधित करने की गति को माइक्रोसैकण्ड (10–6), नैनोसैकण्ड (10-9) तथा पिकोसैकण्ड (10-12) में मापा जाता हैं.
4. आमतौर पर प्रोसेसर की एक युनिट की गति दसियों लाख निर्देश प्रति सैकण्ड यानि MIPS (Millions of Instructions Per Second)
5. इस मशीन का निर्माण ही तीव्र गति से कार्य करने के लिए किया गया हैं.

2.शुद्धता – Accuracy

  1. कम्प्यूटर GIGO (Garbage in Garbage Out) सिद्धांत पर कार्य करता हैं.
  2. इसके द्वारा उत्पादित परिणाम त्रुटिहीन रहते हैं. अगर किसी परिणाम में कोई त्रुटि आती हैं तो वह इंसानी हस्तक्षेप तथा प्रविष्ट निर्देशों के आधार पर होती हैं.
  3. इसके परिणामों की शुद्धता मानव परिणामों की तुलना में बहुत ज्यादा होती हैं.

3.परिश्रमी – Diligence

  1. कम्प्यूटर एक थकान मुक्त और मेहनती मशीन हैं.
  2. यह बिना रुके, थके और बोरियत माने बगैर अपना कार्य सुचारु रूप से समान शुद्धता के साथ कर सकता हैं.
  3. यह पहले और आखिरी निर्देश को समान एकाग्रता, ध्यान, मेहनत और शुद्धता से पूरा करता हैं.

4. बहुप्रतिभा – Versatility

कम्प्यूटर एक बहु-उद्देश्य मशीन हैं.
यह गणना करने के अलावा अनेक उपयोगी कार्य करने में सक्षम होता हैं.
इसके द्वारा हम टाइपिंग, दस्तावेज, रिपोर्ट, ग्राफिक, विडियों, ईमेल आदि सभी जरूरी काम कर सकते

5.स्वचालित – Automation

1. यह एक स्वचालित मशीन भी हैं.
2. यह बहुत सारे कार्यों को बिना इंसानी हस्तक्षेप के पूरा कर सकता हैं.
3. स्वचालितता इसकी बहुत बडी खूबी हैं.

6.संप्रेषण – Communication

  1. एक कम्प्यूटर मशीन अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों से भी बात-चीत कर सकता हैं.
  2. यह नेटवर्क के जरीए अपना डाटा का आदान-प्रदान एक-दूसरे को आसानी से कर सकते हैं.
7.भंडारण क्षमता – Storage Capacity

  1. कम्प्यूटर में बहुत विशाल मेमोरी होती हैं.
  2. कम्प्यूटर मेमोरी में उत्पादित परिणाम, प्राप्त निर्देश, डाटा, सूचना अन्य सभी प्रकार के डाटा को विभिन्न रूपों में संचित किया जा सकता हैं.
  3. भंडारन क्षमता के कारण कम्प्यूटर कार्य की दोहराव से बच जाता हैं.
8.विश्वसनीय – Reliability

  1. यह एक भरोसेमंद और विश्वसनीय मशीन हैं.
  2. इसका जीवन लंबा होता हैं.
  3. इसके सहायक उपकरणों को आसानी से पलटा और रख-रखाव किया जा सकता हैं.

9.प्रकृति का दोस्त – Nature Friendly

  1. कम्प्यूटर अपना कार्य करने के लिए कागज का इस्तेमाल नहीं करता हैं.
  2. डाटा का भंडारण करने के लिए भी कागजी दस्तावेज नहीं बनाने पडते हैं.
  3. इसलिए कम्प्यूटर अप्रत्यक्ष रूप से प्रकृति के रक्षक होते हैं. और इससे लागत में भी कमी आती हैं.
कम्प्यूटर की सीमाएं – Limitations of Computer in Hindi

कम्प्यूटर एक मशीन हैं जिसे अपना कार्य करने के लिए हम इंसानों पर निर्भर रहना पडता हैं. जब तक इसमे निर्द्श प्रविष्ट नहीं होंगे यह कोई परिणाम उत्पादित नहीं कर सकता हैं.
इसमें विवेक नहीं होता हैं. यह बुद्धिहीन मशीन हैं. इसमें सोचने-समझने की क्षमता नहीं होती हैं. मगर वर्तमान समय में कृत्रिम मेधा (Artificial Intelligence) के द्वारा कम्प्यूटरों को सोचने और तर्क करने योग्य क्षमता विकसित की जा रही हैं.

कम्प्यूटर का इतिहास – History of Computer in Hindi

आधुनिक कम्प्यूटर इतिहास की देन हैं. जिसकी शुरुआत ईसा पूर्व ही हो चुकी थी. जब चीनियों ने अबेकस का आविष्कार किया. इसके बाद विभिन्न प्रकार के स्वचालित मशीने अस्तित्व में आई. और चार्ल्स बैबेज द्वारा बनाया गया स्वाचालित इंजन आज के कम्प्यूटर का आधार बना.

कम्प्यूटर का इतिहास कुछ इसी तरह के उतार-चढावों से भरा हुआ है. जिसके बारे में संक्षेप में नीचे बताया गया हैं.

  • Abacus दुनिया का पहला गणना यंत्र था जिसके द्वारा सामान्य गणना (जोडना, घटाना) की जा सकती थी.
  • अबेकस का आविष्कार लगभग 2500 वर्ष पूर्व (इसका सही-सही समय ज्ञात नहीं हैं) चीनीयों द्वारा किया गया.
  • यह यंत्र 17वीं शताब्दी तक गनना करने का एक मात्र उपकरण बना रहा.
  • 1017 में John Napier ने अपनी किताब “Rabdology” में अपने गणितीय उपकरण का जिक्र किया. जिसका नाम “Napier’s Bones” था. इस डिवाइस का उपयोग उत्पादों की गणना तथा भागफल ज्ञात करने के लिए किया जाता था. इस डिवाइस में गणना करने के लिए इस्तेमाल होने वाली विधि को ‘रेब्दोलॉजी’ कहा जाता था.
  • इस डिवाइस द्वारा जोडना, घटाना, गुणा, भाग भी किये जा सकते थे.
  • John Napier के आविष्कार के कुछ साल बाद (1620 के आसपास) ही माननीय William Oughtred ने “Slide Rule” का आविष्कार कर लिया.
  • इसके द्वारा गुणा, भाग, वर्गमूल, त्रिकोणमीतिय जैसी गणनाएं की जा सकती थी. मगर जोड तथा घटाव के लिए कम इस्तेमाल किया हुआ.
  • 1642 में माथ 18 वर्ष की अल्पायु में फ्रेंच वैज्ञानिक और दार्शनिक ने पहला व्यवहरिक यांत्रिक कैलकुलेटर बनाया.
  • इस कैलकुलेटर का नाम “पास्कालिन” था. जिसके द्वारा गणना की जा सकति थी.
  • फिर 1671 में पास्कालिन में सुधार करते हुए एक एडवांस मशीन ‘Step Reckoner’ का आविष्कार हुआ. जो जोडने, घटाने के अलावा गुणा, भाग, वर्गमूल भी कर सकती थी.
  • Gottfried Wilhelm Leibniz द्वारा विकसित इस मशीन में भंडारण क्षमता भी थी.
  • Binary System भी इन्ही के द्वारा विकसित किया गया. जिसे एक अंग्रेज ‘George Boole’ ने आधार बनाकर 1845 में एक नई गणितीय शाखा “Boolean Algebra” का आविष्कार किया.
  • आधुनिक कम्प्यूटर डाटा संसाधित करने और तार्किक कार्यों के लिए इसी बाइनरी सिस्टम और बुलीन अल्जेब्रा पर ही निर्भर रहते हैं.
  • 1804 में फ्रेंच के एक बुनकर ‘Joseph-Marie-Jacquard’ ने एक हथकरघा बनाया. जिसका नाम ‘Jacquard Loom’ था.
  • इसे पहला ‘सूचना-संसाधित’ डिवाइस माना जाता हैं.
  • और इस डिवाइस के आविष्कार ने साबित कर दिया कि मशीनों को मशीनि कोड द्वारा संचालित किया जा सकता था.
  • 1820 में फ्रांस के ‘Thomas de Colmar’ ने “Arithmometer” नामक एक नई गणना मशीन बनाई.
  • जिसके द्वारा गणित के चार बुनियादी कार्य जोडना, घटाना, गुणा, भाग किये जा सकते थे.
  • मगर द्वितीय विश्व युद्ध के कारण इस मशीन का विकास रुक गया.
  • आधुनिक कम्प्यूटर के पितामह माननीय ‘Charles Babbage’ ने 1822 में “बहुपदीय फलन” का सारणीकरण करने के लिए एक स्वचालित यांत्रिक कैलकुलेटर का आविष्कार किया.
  • इस कैलकुलेटर का नाम “Difference Engine” था.
  • यह भाप द्वारा चलती थी और इसका आकार बहुत विशाल था.
  • इसमे प्रोग्राम को स्टोर करने, गणना करने तथा मुद्रित करने की क्षमता थी.
  • इस इंजन के लगभग एक दशक बाद 1833 में “Analytical Engine” डिजाइन किया.
  • इस इंजन को ही आधुनिक कम्प्यूटर का शुरुआती प्रारुप माना जाता हैं. इसलिए ही “चार्ल्स बैबेज” को कम्प्यूटर का जनक कहा जाता हैं.
  • इस मशीन मे वे सभी चीजे थी जो मॉडर्न कम्प्यूटर में होती है.
  • Analytical Engine में Mill (CPU), Store (Memory), Reader and Printer (Input/Output) का काम कर रहे थे.
  • अब आधुनिक कम्प्यूटर की नींव रखी जा चुकी थी.

इसके बाद कम्प्यूटर ने तेजी से विकास किया. और नई-नई तकनीकों का आविष्कार किया गया. जिसके कारण कम्प्यूटर विशाल कमरे से बाहर निकलकर हमारे हाथ में समा गया. इस विकास क्रम को पीढीयों में बांटा गया है. जिसक वर्णन इस प्रकार हैं.


कम्प्यूटर की पीढीयाँ – Computer Generations in Hindi


पीढी का नाम.         समय.               

प्रथम पीढी              1940 – 1956.   

विशेषताएँ.

Vacuum Tube पर निर्भर Punch Cards, Paper Tap, Magnetic Tap का इनपुट एवं आउटपुट डिवाइस के रूप में प्रयोग निर्देश के लिए मशीनी भाषा का प्रयोग Magnetic Drums का उपयोग मेमोरी के लिए किया गया बडा आकार और वजनी महंगे और विश्वसनीय नहीं आम लोगों की पहुँच से दूर

 द्वितीय पीढी 1956 – 1963Transistor पर आधारित मेमोरी के लिए Magnetic Core (Primary Memory) एवं Magnetic Tap (Secondary Memory) का उपयोग निर्देशों के लिए Assembly Language पर निर्भर High-Level (FORTON, COBOL) मशीनी भाषाओं का विकास परिणाम प्रदर्शित करने के लिए अभी भी Punch Cards और Printouts पर निर्भरता कार्य-विशेष के लिए उपयोग Honeywell 400IBM 7090CDC 1604UNIVAC 1108MARK III

तृतीय पीढी 1964 – 1971 Integrated Circuit पर आधारित आकार छोटा और भरोसेमंद निर्देशों के लिए BASIC, COBOL, PASCAL जैसी है हाइ-लेवल मशीनी भाषा का प्रयोग पाँच कार्ड की जगह पर माउस और कीबोर्ड का उपयोग तथा आउटपुट के लिए मॉनिटर का इस्तेमाल मल्टि-प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम सामान्य उद्देश्य के लिए इस्तेमाल PDP-8PDP-11ICL 2900Honeywell 6000 SeriesTDC-B16IBM-360IMB-370NCR-395