ये असल में एक बहुत बड़ा जाल होता है interconnected networks का और साथ में ये एक दुसरे के साथ जुड़े रहने के लिए standardized communication protocols का इस्तमाल करते हैं.
इसी जाल को Internet की भाषा में media या फिर Transmission media बोला जाता है. वैसे थोड़ी जानकारी और दे देता हूँ ये जाल एक तरह का Wire है, जिसमे Information और data दुनिया भर में घूमता रहता है. यह डाटा इन सब में से “text, image, mp3, video” कुछ भी हो सकता है ज्यदा तोर text, image, MP3, video Internet पे सब ढूंडते रहते है.
Net में Data और Information, Router और Server के जरिए जाना आना करते हैं, Router और Server ही दुनिया के सारे Computer को जोडके रखते हैं, जब Message एक Computer से दुसरे Computer तक जाता है तो तब एक protocol काम करता है जिसका नाम है IP (Internet Protocol), Protocol का मतलब “Internet को चलने के नियम है जिनको प्रोग्रामिंग में लिखा ज्याता है”.
इंटरनेट का फुल फॉर्म
Internet का Full Form होता है Interconnected Network. जो की असल में एक बहुत ही बड़ा network होता है सभी Web Servers Worldwide का. इसलिए इसे बहुत से जगहों में World Wide Web या simply the Web भी कहा जाता है.
इस network में ऐसे बहुत से private और public organizations, schools और colleges, research centers, hospitals के साथ साथ बहुत से servers भी शामिल हैं पुरे दुनिभर में.
इन्टरनेट एक collection होता है interconnected networks का, i.e. network of networks का. ये बना हुआ होता है बहुत से interconnected gateways और routers के आपस में connected होने से पुरे दुनियाभर में.
इंटरनेट की खोज किसने की
Internet का आविष्कार कर पाना किसी एक व्यक्ति के बस की बात नहीं थी. इसे बनाने में बहुत से Scientist और Engineers की जरूरत लगी थी. सन 1957 में COLD WAR के समय, अमेरिका ने Advanced Research Projects Agency (ARPA) की स्थापना की जिसका उद्देश्य एक ऐसी Technology को बनाना था, जिससे की एक कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर से जोड़ा जा सके.
सन 1969 में इस Agency ने ARPANET की स्थापना की. जिस से कि किसी भी कंप्यूटर को किसी भी Computer से जोड़ा जा सकता था.
सन 1980 तक आते-आते उसका नाम Internet हो गया. Vinton Cerf और Robert Kahn ने TCP/IP protocol को invent किया सन 1970s, और 1972 में, वहीँ Ray Tomlinson ने सबसे पहले Email Network को introduce किया.
इंटरनेट कब शुरू हुआ?
Internet की शुरुवात January 1, 1983 से हुई. जब ARPANET ने TCP/IP को adopt किया January 1, 1983 में, और उसके बाद researchers ने शुरू किया उन्हें assemble करने का काम. उस समय उसे “network of networks” कहा जाता था, बाद में आज के modern समय में उसे Internet के नाम से जाना जाता है.
भारत में इन्टरनेट कब शुरू हुआ था ?
भारत में internet service को publicly available कराया गया सन 14 August 1995 में जब इसे लांच किया गया state-owned Videsh Sanchar Nigam Limited (VSNL) के द्वारा.
इंटरनेट की परिभाषा
Internet असल में एक global wide area network होता है जो की दुनिया भर के Computer systems को आपस में connect करता है. इसमें बहुत से high-bandwidth data lines होते हैं जो की Internet का “backbone” कहलाते हैं. ये lines को connect किया जाता है major Internet hubs के साथ जो की data को distribute करते हैं दुसरे locations को, जैसे की web servers और ISPs.
वहीँ यदि आपको Internet के साथ connect होना है, तब आपके पास एक Internet service provider (ISP) का access होना चाहिए, जो की एक middleman के तरह act करता है आपके और Internet के बीच में.
ज्यादातर ISPs broadband Internet access प्रदान करते हैं via एक cable, DSL, या fiber connection के. जब आप Internet के साथ connect होते हैं एक public Wi-Fi signal के माध्यम से, यहाँ पर भी Wi-Fi router एक ISP के साथ connected होता है आपको इन्टरनेट प्रदान करने के लिए.
वहीँ cellular data towers को भी किसी न किसी एक Internet service provider से जुड़ा होना होता है connected devices को internet access प्रदान करने के लिए.
इंटरनेट की विशेषताएं
चलिए अब Internet की विसेश्ताएं के विषय में जानते हैं, जिन्हें जानना बहुत ही जरुरी होता है.
World Wide Web
1. World wide web एक हिस्सा होता है internet का, जो की support करता है hypertext documents, वहीँ ये allow करता है users को विभिन्न प्रकार के data को view और navigate करने के लिए.
2. वहीँ एक web page ऐसा एक document होता है जो की encoded होता है hypertext markup language (HTML) tags के साथ.
3. HTML allow करता है designers को एक साथ link होने के लिए via hyperlinks.
4. प्रत्येक web page की एक address होती है, जिसे की uniform resource locator (URL) कहा जाता है.
1. Electronic mail (e-mail) एक बहुत ही popular reason जिसके कारण लोग internet का इस्तमाल करते हैं.
2. E- Mail Messages को create, send, और receive करने के लिए आपको एक e-mail program और एक account चाहिए एक Internet mail server में एक domain name के साथ.
3. E-mail इस्तमाल करने के लिए, एक user के पास एक e-mail address होना बहुत ही जरुरी होता है, जिसे आप create कर सकते हैं अपना user name e-mail में add कर. जैसे की यदि आप Gmail में अपना account बनाना चाहते हैं तब आप username@gmail.com जैसे बना सकते हैं. यहाँ पर आपको username थोडा unique चुनना होता है जो की पहले से available न हो.
News
1. एक Internet-based Service होती है news, जिसमें बहुत से newsgroups शामिल होते हैं.
2. प्रत्येक newsgroup host करता है discussions एक specific topic में. सभी topics पर अलग अलग Newsgroups होते हैं.
Telnet
1. Telnet एक specialized service होती है जो की आपको allow करती है एक Computer का इस्तमाल कर दुसरे computer के contents को access करने के लिए एक telnet host के मदद से.
2. एक telnet program create करता है एक “Window” host पर जिससे की आप files access कर सकते हैं, commands issue करते हैं, और data exchange करते हैं.
3. Telnet को libraries के द्वारा widely इस्तमाल किया जाता है जिससे ये visitors को allow करता है information को देखने के लिए, articles ढूंडने के लिए इत्यादि.
File transfer protocol
1. File Transfer protocol (FTP) एक internet tool होता है जिसका इस्तमाल files को एक computer से दुसरे computer में copy करने के लिए इस्तमाल किया जाता है.
2. एक special FTP program के इस्तमाल से या एक web browser के, आप एक ETP host computer पर log in कर सकते हैं, internet के over और आपके computer के files को copy भी कर सकते हैं.
3. FTP बहुत ही handy होता है software files को find करने के लिए और copy करने के लिए, वहीँ आप articles और दुसरे प्रकार के data types के साथ भी ऐसा कर सकते हैं. Universities और software companies FTP servers का इस्तमाल करते हैं जिससे वो visitors को data access करने की permission प्रदान कर सकें.
Internet Relay Chat (IRC)
1. Internet Relay Chat (IRC) एक ऐसी service है जो की users को allow करती है एक दुसरे के साथ communicate करने के लिए real-time में वो भी एक special window में text type कर.
1. News के तरह ही, सेकड़ों IRC “channel” भी होते हैं और प्रत्येक किसी एक subject या user group को dedicated होते हैं.
3. आप चाहें तो एक special IRC program का इस्तमाल कर सकते हैं इन chat room discussion में participate करने के लिए लेकिन ज्यादातर chat rooms को website में ही set up किया जाता है, जो की visitors को enable करता है directly ही अपने browser window से chat करने के लिए.
Intranet क्या है?
Intranet एक ऐसा प्राइवेट नेटवर्क होता है जो की अक्सर किसी एक enterprise में देखने को मिलता है. इसमें आमतोर से बहुत से interlinked local area networks होते हैं और साथ में ये leased lines का भी इस्तमाल करता है एक wide area network में.
Typically देखा जाये तो, एक intranet में सिर्फ एक या उससे ज्यादा gateway computers ही बाहरी Internet से जुड़े हुए होते हैं.
Intranet का मुख्य काम ही होता है किसी कंपनी की information और computing resources को सिर्फ employees के बीच में शेयर करना. वहीँ intranet का इस्तमाल working groups के मध्य में teleconferences के लिए भी इस्तमाल किया जा सकता है.
वहीँ intranet इस्तमाल करता है TCP/IP, HTTP, और दुसरे Internet protocols. इसीलिए ये आमतोर से ये इन्टरनेट का एक private version के तरह नज़र आता है.
Internet और Intranet में क्या अंतर है ?
यहाँ पर आप जानेंगे की Internet और Intranet में क्या अंतर होता है.
Internet का अर्थ
Internet एक global network होता है जो की एक connection establish करता है और बहुत से अलग अलग computers को transmission प्रदान करता है.
ये दोनों wired और wireless mode की communication का इस्तमाल करता है किसी भी प्रकार की information को भेजने और पाने के लिए जैसे की data, audio, video इत्यादि. इसमें अक्सर data travel करती है “fiber optic cables” के द्वारा, जिन्हें की telephone companies own करती हैं.
अभी के समय में इन्टरनेट का इस्तमाल प्राय सभी लोग करते हैं information प्राप्त करने के लिए, communication के लिए, और डाटा transferring करने के लिए network में. यह एक public network होता है जिसका इस्तमाल कर कंप्यूटर आसानी से एक दुसरे के साथ connect और relay कर सकते हैं. यह users को एक बहुत ही बढ़िया source प्रदान करती हैं information का.
Intranet का अर्थ
Intranet एक हिस्सा होता है Internet का जो की privately owned होता है किसी एक organization के द्वारा. ये अपने सभी computers को आपस में जोड़ देता है और वहीँ प्रदान करता है access अपने सभी files और folders को network के भीतर ही.
इसमें एक firewall भी होता है जो की system को घेरे हुए होता है, जिससे ये किसी unauthorized user को network access करने से रोकता है. केवल authorized users के पास ही permission होता है इस network को access करने का.
वहीँ, Intranet का इस्तमाल computers को connect करने के लिए और data tranmit करने के लिए होता है वो भी एक company network के भीतर ही. यह एक secure तरीका होता है details, materials, और folders शेयर करने का क्यूंकि इसमें network बहुत ही ज्यादा secured और restricted होता है organization के भीतर ही.
Internet और Intranet में क्या अंतर है?
- जहाँ Internet प्रदान करता है unlimited information जिसे कोई भी देख और इस्तमाल कर सकता है, वहीँ Intranet में, data केवल organization के भीतर ही circulate होता है.
- Internet को access हर कोई और सभी जगह से कर सकता है, वहीँ Intranet का इस्तमाल केवल authenticate users ही कर सकते हैं.
- Internet को कोई एक single या multiple organization own नहीं करते हैं, वहीँ Intranet एक private network होने के वजह से ये एक firm या institution के अंतर्गत आता है.
- Internet एक public network हैं इसलिए सभी के लिए available हैं, वहीँ Intranet एक private network होता है इसलिए सभी के लिए available नहीं होता है.
- Intranet ज्यादा safer होता है Internet की तुलना में.
इंटरनेट कैसे काम करता है
Internet में Computers एक दुसरे के साथ connected होते हैं छोटे networks के माध्यम से. वहीँ ये networks connected होते हैं gateways के द्वारा Internet Backbone के साथ.
वहीँ सभी Computers Internet पर एक दुसरे के साथ communicate करते हैं TCP/IP के माध्यम से, जो की एक Basic Protocol (i.e set of rules) होता है Internet का.
TCP/IP (Transmission Control Protocol / Internet Protocol) manage करते हैं Internet में हो रहे सभी transmission को फिर चाहे वो data/file/document कुछ भी क्यूँ न हो, लेकिन इसे करने के लिए उन्हें उस data/file/documents को छोटे छोटे parts में तोडना होता है जिन्हें की packets या datagrams कहा जाता है.
इसमें प्रत्येक packet में actual data का address part स्तिथ होता है, i.e addresses of destination और source होता है upto 1500 characters के जितना.
TCP और IP का Functions
1. TCP का काम होता है की ये messages को छोटे छोटे packets में break करता है जिन्हें की internet में transmit किया जाता है और फिर बाद में उन्हें reassemble भी किया जाता है उन छोटे छोटे packets को oringinal message में जो की receive किया जाता है internet के द्वारा.
2. IP का काम होता है की ये Handle करता है प्रत्येक part के address part को, जिससे की data को सही address तक भेजा जा सके. प्रत्येक gateway नेटवर्क का इस address को check करता है ये देखने के लिए की कहाँ message को forward किया जा रहा है.
इंटरनेट का इतिहास
Net की History की बात की जाये तो 1969 में ये दुनिया में अपना पहला कदम रख चुकता था, और वक्त और technology क बदलाव से ये आगे बढ़ता गया और अभी बी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. थोडा और जानते है.
तो चलिए आगे Internet की history in hindi जानते हैं.
1. Internet का उद्गम ARPANET (ADVANCE RESEARCH PROJECT AGENCY network) से हुआ था.
2. ARPANET Ameriaca का रक्षा बिभाग का हिस्सा था 1969 में.
3. सुरुवात में गुपनिया ख़त Computer के जरिये भेजने क लिए ये Network बनाया गया था इसी का नाम था ARPANET.
4. सुरुवात में इस बिचार को पांच US University के Computer को Connect करने के लिए ये इस्तेमाल हुआ था. 1972 के दसक तक ये दुनिया के 23 Node और दुनिया के अलग अलग देशों से जुड़ चूका था जिसका नाम बाद में दिया गया Internet
5. सुरुवात इससे इस Network को Private Network के तोर पर इस्तमाल किया जाता था बाद में ये सब तक पोहंचा गया और साल भर साल इसमें बदलवा आता गया और अभी आप इसी Internet के जरिया मेरी जानकारी Internet क्या है और Internet का इतिहास आप पढ़ रहे थे.
इंटरनेट का उपयोग
1. Electronic mail का आदान प्रदान के लिए
Internet से जुड़े करीब 85% से ज्यादा लोग Internet का इस्तमाल email भेजने और पाने के लिए करते हैं. एक सप्ताह में करीब 20 million से भी ज्यादा emails का आदान प्रदान होता है.
2. Research करने के लिए
Internet एक बहुत ही बड़ा source है documents, books, research papers इत्यादि का इसलिए लोग इसका इस्तमाल अपने research करने के लिए करते हैं.
3. Files Download या Upload कर सकते हैं
यहाँ पर ऐसे बहुत से files को upload किया गया होता है बहुत से websites के द्वारा जैसे की Movies, Songs, Videos, Documenteries इत्यादि. यदि आप उन्हें देखना चाहते हैं तब आपको उन्हें download करना होगा जिसके लिए internet की आवश्यकता होती है.
4. Discussion groups का होना
यदि आपको किसी topic के विषय में जानना है या किसी expert से इसके विषय में राय लेनी है तब आप Discussion Groups का इस्तमाल कर सकते हैं. यहाँ पर आपको बहुत से experienced और experts मिल जायेंगे किसी चीज़ के विषय में expert advice के लिए.
5. Interactive games खेलने के लिए
यदि आप bore हो रहे हों तब आप Internet में बढ़िया और मज़ेदार Interactive games खेल सकते हैं अपने मनोरंजन के लिए.
6. Education और self-improvement के लिए
यहाँ पर आपको बहुत से On-line courses और workshops मिल जायेंगे जिनसे आप बहुत कुछ सीख सकते हैं वहीँ इनके Online Seminars को attend कर आप अपना self-improvement भी करा सकते हैं.
7. Friendship और dating
यदि आपको online दोस्त बनाना पसंद है तब आपके लिए यहाँ पर बहुत से social media sites मेह्जुद हैं जैसे की Facebook, Instagram, Twitter.
वहीँ अगर आप relations बनाने में ज्यादा उत्सुक हैं तब आप Online Dating Sites पर जाकर खुद को register करा सकते हैं जिससे आप अपने मन मुताबिक साथी से बातचित कर अपने रिश्ते को आगे बढ़ा सकते हैं.
8. Electronic अकबारों और मैगजीन्स में
यहाँ पर आपको ऐसे बहुत से news websites मिल जायेंगे जहाँ पर आपको सभी latest-breaking news, weather, और sports के समाचार आसानी से मिल सकता है. वहीँ आप यहाँ पर कई Online Magazines भी पढ़ सकते हैं.
9. Job की तलाश करने में
ऐसे बहुत से websites हैं जो की निरंतर jobs की जानकारी प्रदान कर रहे होते हैं. फिर चाहे वो कोई technical job हो या फिर non- technical jobs. यदि आपको भी jobs की तलाश है तब आप भी इनमें register कर अपने पसंदीदा job प्राप्त कर सकते हैं.
10. Shopping कर सकते हैं
अब वो दिन गए जब आपको shopping करने के लिए कई दुकान घूमना पड़ता था. लेकिन अब आप घर बैठे ही अपने मनचाही चीज़ें online order कर सकते हैं.
आपको यहाँ पर सभी प्रकार के चीज़ें मील सकते हैं वो भी बहुत ही अच्छे offer price पर. बस आपको अपने को इन sites में register कराना होता है. फिर आप जितनी चाहे उतनी shopping कर सकते हैं.
भारत में इंटरनेट का इतिहास
भारत में Internet पहली बार 15 August 1995 को इस्तेमाल हुआ था. उस वक्त की सबसे बड़ी Telecom कंपनी VSNL(Videsh Sanchar Nigam Limited) ने ये सेवा दी गई थी.इसके बाद ये भारत में कुछ इस तरह से बदलाव लाया था.
- बड़े बड़े सहरों में net को पोहंचाया गया.
- 1996 Redifmail नाम की ईमेल साईट की सुरुवात हुई भारत में.
- भरता पहला साइबर कैफ़े 1996 में मुंबई में खुला.
- 1997 Noukri.com जैसी साईट भारत में बनी, आज हर कोई इसे जनता है.
- 1999 Hindiportal “webdunia” की सुरुवात हुई.
- 2000 के दशक तक technology act 2000 भारत में लागु हुआ.
- Yahoo इंडिया और msn इंडिया की भी सुरुवात 2000 के दसक में हुई थी.
- 2001 Online Train Website irctc.in की सुरुवात हुई थी.
इंटरनेट के प्रकार
इन्टरनेट connection के ऐसे बहुत से प्रकार हैं जिससे की आप एक personal electronic device को internet के साथ connect कर सकते हैं. ये सभी connections अलग अलग hardware का इस्तमाल करते हैं और प्रत्येक की एक अलग ही range की connection speeds होती है.
जैसे जैसे technology में बदलाव आ रहे हैं, faster internet connections की जरुरत पड़ रही है ऐसे बदलाव को handle करने के लिए. इसलिए मैंने सोचा की क्यूँ की ऐसे ही Internet Connection के प्रकार के विषय में बताया जाये जिससे की आपको इन सभी विकल्पों के विषय में पता चल सके.
Dial-Up Connection (Analog 56K) क्या है
Dial-up Connection सबसे basic form का Internet connection होता है. इसमें एक telephone line होती है जो की multiple users (एक dedicated line के विपरीत) से connected होती है और जो की एक PC के साथ जुड़ा हुआ होता है जिसमें Internet का access होता है.
Dial-up access बहुत ही सस्ता होता है लेकिन वहीँ उतना ही slow भी. एक modem (internal या external) connect होता है Internet के साथ एक बार Computer dial करता है एक phone number.
इसमें analog signal को convert किया जाता है digital में via modem के और फिर उसे भेजा जाता है एक land-line service में एक public telephone network के द्वारा.
Telephone lines बहुत से quality के हो सकते हैं और वहीँ connection भी कभी कबार ख़राब भी हो सकती है. इसमें lines regularly काफी interference experience करती हैं और ये इसकी speed को affect करती है, जो की करीब 28K से लेकर 56K तक होती है. चूँकि एक Computer या दुसरे device share करते हैं वहीँ समान line telephone के, इसलिए दोनों एक समय में active नहीं हो सकते हैं.
DSL Connection क्या है
DSL का full form होता है Digital Subscriber Line. ये एक ऐसा internet connection होता है जो की हमेशा “on” होता है. ये 2 lines का इस्तमाल करता है जिससे की आपके phone बिलकुल ही free होता है जब आपका Computer connected होता है.
DSL एक wired Connection होता है जो की data को transmit करता है traditional copper telephone lines के माध्यम से जो की पहले से ही installed होते हैं घरों और businesses में.
इसमें आपको किसी भी number को dial करने की जरुरत ही नहीं Internet से connect होने के लिए. DSL इस्तमाल करता है एक router का data को transport करने के लिए और इसकी connection speed की range निर्भर करती है service के ऊपर, जो की करीब 128K से लेकर 8 Mbps के बीच होती है.
DSL Service की speed और availablity निर्भर करती है की आपका घर या business कितनी दूरता में आपके पास वाले telephone company facility से.
Cable Connection क्या है
Cable प्रदान करता है internet connection एक cable modem के माध्यम से और ये operate होता है cable TV lines के माध्यम से.
Uploading और Downloading का अलग अलग transmission speed होता है. चूँकि coaxial cable ज्यादा bandwidth प्रदान करते हैं एक dial-up या DSL telephone lines के तुलना में, इसलिए आपको यहाँ पर faster access प्राप्त होता है.
Cable connection की speed की range होती है 512K से 20 Mbps के बीच.
Fibre Connection क्या है
इस Fibre Connection में fast-fiber optic cables directly आपके घर या office तक जाती है और आपको एक ज्यादा stable, efficient और reliable connection प्रदान करती है hybrid copper और fibre systems की तुलना में.
ये broadband speed up to 1Gbps तक support करने में सक्षम होती है, इतनी स्पीड की ये एक HD TV programme को पांच seconds में ही play करने में सक्षम हो जाता है.
Fibre optic technology convert करती है electrical signals जो की data carry कर रहे होते हैं उन्हें light में और उसी light को send करती है transparent glass fibres के माध्यम से जिसकी diameter एक इंसानी बाल के जितनी ही होती है.
Fibre data को transmit करती है बहुत ही high-speed में जो की current DSL या cable modem speeds से बहुत ज्यादा होती है, typically tens या hundreds of Mbps की speed में. इस FTTP connection को, किसी दुसरे के साथ share नहीं किया जाता है. वहीँ ये बहुत ही कीमती विकल्प है.
Wireless Connection क्या है
Wireless, या Wi-Fi, जैसे की नाम से मालूम पड़ता है की, इसमें telephone lines या cables का इस्तमाल नहीं होता है Internet से connect होने के लिए. वहीँ ये radio frequency का इस्तमाल करता है.
Wireless Connection भी हमेशा On रहती है और इसे कहीं से भी access किया जा सकता है. Wireless networks की coverage areas धीरे धीरे बढ़ रही है. वहीँ इसकी speed की range 5 Mbps से लेकर 20 Mbps तक होती है.
Wireless DIA (Direct Internet Access) क्या है
Dedicated Internet Access का मतलब होता है की एक specified amount की bandwidth को केवल आपके इस्तमाल के लिए specify किया जाता है. यह एक dedicated amount होती है जो की सिर्फ आपके इस्तमाल के लिए ही होती है.
यहाँ आप किसी के साथ कुछ sharing नहीं कर रहे होते हैं लेकिन आप जरुर से Internet SuperHighway के साथ directly connection जरुर रहते हैं.
जहाँ दुसरे internet connection की speed इस बात पर भी निर्भर करती है की कितने लोग उस Internet connection से जुड़े हुए हैं वहीँ इसमें लेकिन इस बात का कोई फरक नहीं पड़ता है चूँकि इसमें dedicated bandwidth पहले से प्रदान की गयी होती है.
Satellite Connection क्या है
Satellite access करती है internet via एक satellite के Earth के orbit में. इसमें चूँकि signal को इतनी बड़ी distance तय करनी होती है धरती से satellite और फिर से back होना, इसलिए ये delayed connection प्रदान करती है cable और DSL की तुलना में. Satellite connection की speed 512K से 2.0 Mbps तक होती है.
Cellular या Mobile technology Connection क्या है
Cellular technology प्रदान करती है wireless Internet access cell phones के माध्यम से. इसमें speeds vary कर सकती है service provider के हिसाब से, लेकिन सबसे common 3G और 4G speeds ही होती है.
यहाँ 3G describe करता है एक 3rd generation cellular network को जिसकी mobile speeds करीब 2.0 Mbps के आसपास होती है.
वहीँ 4G का मतलब fourth generation of cellular wireless standards होता है. वैसे तो 4G का goal होता है एक peak mobile speeds करीब 100 Mbps को प्राप्त करना लेकिन reality में ये केवल 21 Mbps तक ही currently उपलब्ध है.
वहीँ 5G अभी केवल कुछ ही जगहों में उपलब्ध हो पाया है और ज्यादातर testing phase में ही है.
इन्टरनेट कैसे चलाई जाती है?
यहाँ पर हम जानेंगे की कैसे आप अपने Computer और Mobile Device में Internet चला सकते हैं.
Mobile में इन्टरनेट कैसे चलायें?
Smartphones जैसे की iPhones और Android phones, बहुत ही छोटे handheld Computers होते हैं जिसमें की built-in GPS और camera की सुविधा रहती है. वहीँ बहुत से लोगों के लिए उनका SmartPhone ही tool होता है Internet access करने के लिए.
ज्यादातर smartphones दो अलग technologies का इस्तमाल करते हैं internet को access करने के लिए – पहला है cellular network जिसे user को subscribe करना होता है, जैसे की Airtel, Jio, Idea इत्यादि. वहीँ दूसरा है Wireless Connection.
इसमें Cell Network में सबसे बड़ा advantage ये हैं की इससे आपको कहीं पर भी और कभी भी Internet access प्राप्त हो सकती है. वहीँ Wireless Network में आपको Modem के निकट होना आवश्यक होता है बेहतर speed पाने के लिए क्यूंकि इसकी एक coverage area होती है.
Computer या PC में इन्टरनेट कैसे चलायें?
यदि आप अपने Computer या PC में Internet चलाना चाहते हैं तब आपको इसके लिए या तो broadband connection लेना होगा किसी ISP से या उनका कोई Wireless Connection भी ले सकते हैं. इसका इस्तमाल कर आप अपने computer में Internet access कर सकते हैं.
वहीँ यदि आपके पास यदि इतना पैसा नहीं है तब भी आप Internet access चाहते हैं तब आप अपने Smartphone को एक hotspot के तोर पर इस्तमाल कर भी internet access प्राप्त कर सकते हैं.
इंटरनेट के लाभ
अगर आप Internet के सही से उपयोग करोगे तो आप बोहत कुछ कर सकते हो, इसलिए निचे दिए गए net के फायदे अछे से पढ़ें और अपनी जिंदिगी को Digital बनायें
1. इसको ज्यादा तोर पर Social Networking, Education, मनोरजन, Online जानकारी देने में ज्यदा मददगार होता है.
2.इसे आपकी time की बचत तो होगी और आप चाहो तो बोहत कुछ सिख सकते हो.
3.इसके इस्तेमाल से हम कोई भी Information को बड़ी आसानी से ढूंड सकते है.जैसे हम Google में करते है.
किसीको भी बड़ी आसानी से Message, audio, video, Document Internet में हम भेज सकते है जैसे की Whatsapp, Facebook, Twitter में हर कोई करता है.
4. अगर पढाई की बात की जाये आजकल हर कोई ऑनलाइन पढाई कर सकता है और research कर सकता है.
5. और सबसे अच्छा फायदा- Online services जैसे online Shopping, Online Recharge, Movie Ticket Boking, Internet Banking, Online Transaction ये सब Internet की वजह से ही हो पाया है.
6. इसके के जरिये आप किसी के साथ आमने सामने मतलब Video कालिंग कर सकते है.
7. इसकी वजह से ही आजकल E-Commerce साईट बोहत ही तेजी से आगे बढ़ रही हैं.
8. इसमें में आप Information Share कर सकते हैं, E-Mail जैसे सुविधा आपको Internet की वजह से हो पाया है.
9. मनोरंजन के लिए भी आपको इसकी की सक्त जरुरत है. जिससे आप गाने डाउनलोड कर सकते हो, Video देख सकते हो, दुःख को दूर करने के लिए Online game खेल सकते हो.
10. सबसे बड़ा फायदा यह है की आपको सारे सवालों के जवाब मिल जायंगे जैसे अभी आपको ये भी मिल जाये गा Internet क्या है(What is the Meaning of Internet in hindi).
11. आपको हर पल की खबर आपको मिलती रहेंगी जब चाहो तब, इसके साथ Science,Technolgy,की भी जानकारी मिलती रहेगी Internet में.
12. आप अपना सारा डाटा स्टोर करके रख सकते हो इसमें और जब चाहो तब वापस डाउनलोड कर सकते हो.
ये Government के लिए भी काफी फायदे मंद है, Government अपने scheme Internet के जरिये आसानी से लोगों तक पोहांचा सकी है.
इंटरनेट की हानि
आपको अगर अपनी जिंदगी को सही तरीके चलाना है इस Digital दुनिया में तो इन बातों को जरुर ध्यान से पढ़ें, और दुसरो को बताएं
1. इसका का नुकसान इसकी लत है, अगर आपको लग गई तो अप इसके पीछे लगे रहो गे और होगा क्या इससे आपका वक्त बर्बाद होगा.
2. इसमें कोई भी कुछ भी लिख के share कर देता है चाहे वो सही हो या गलत, इससे गलत Information लोगों तक पहच ती है|
3. इसके जरिये आपका सारा Data आपके Computer से कोई भी चुरा सकता है Hackers के जरिये.
4. कभी कभी कोई भी गलत Video(mms) बड़ी तेजी से नेट में फ़ैल जाता है ये भी एक नुकसान है.
5. Computer Virus Internet से ही आपके Computer तक पोहंच सकता है जिससे आपके सारे डाटा गायब हो सकते हैं और आपके Computer को भी Slow कर देता है
6. बोहत सारे प्रोनोग्र्फी साईट net में होती हैं जिसमे अश्लील तस्वीर और Video रहते है और इनसे बचों के दिमाग पर बोहत ही बुरा असर पड़ता है.
7. इसमें में जो Social साईट जैसे Facebook,Instagram रहती है उनमे कुछ लोग किसी की भी तस्वीर छोड़ देते हैं ये भी Internet का नुकसान हैं
8. Internet पे कुछ ऐसे वेबसाइट होती हैं जिनमे लोग आपको कुछ सवाल पूछ कर सारी जानकारी ले लेते हैं और उसका वो गलत फ़ायदा उठाते है.
9. Internet के इस्तेमाल से जैसे आपका वक्त बचाता है वैसे ही आपका वक्त भी बर्बाद करता है.
इंटरनेट का विकास
यहाँ पर मैंने Internet का विकास या Evolution of Internet को प्रदर्शित करने की कोशिश करी है. वहीं इसे मैंने इसके development के अनुसार उसकी timeline में व्यवस्तित रूप से दर्शाया है.
July 1945
Vannevar Bush ने publish की अपनी essay “As We May Think” Atlantic Monthly में. ये वो पहला picture था जिसमें की इंसानी दिमाग से कुछ आगे सोचना प्रारंभ किया था. वहीँ इसमें Internet और World Wide Web को असली रूप देने का वो बीज लोगों के दिमाग में बस चूका था.
October 4, 1957
Sputnik को launch किया गया था. Sputnik के launch के बाद ही U.S. government को लगा की वो एक ऐसा network बनायें जो की किसी भी military attack से उनकी रक्षा कर सके. Paul Baran जो की RAND Corporation के थे उन्होंने ये prove कर दिया था की एक packet-switching, distributed network अब तक का सबसे best design है. उनकी ideas को काम में लगाया गया और पुरे America में कुछ mainframe computers में data को transfer किया जा सका.
December 9, 1968
वहीँ सबसे बड़ी जित तब हुई जब Convention Center, San Francisco में Douglas Engelbart और उनकी team ने demonstrate किया एक working hypertext system, word processing, video conferencing वो भी over a network, Computer mouse और बहुत कुछ.
ये सच में computing और internet के field में एक बड़ा छाप रख दिया.
October 29, 1969
सबसे पहला connection एक packet-switching network का बनाया गया Stanford और UCLA के बीच में. यहाँ पर दो mainframes ने interface message processors (IMPs) का इस्तमाल किया एक message send करने के लिए. सबसे first message था जिसे की Internet में भेजा गया वो था “lo” क्यूंकि system crash कर गया Login के letter g में ही. ये network बाद में ARPANET बना.
September 1971
ARPANET ने implement किया एक terminal interface processor (TIP), जो की allow किया Computer terminals remote access network को. इसने ARPANET को grow होने में बहुत मदद की connection को आसान बनाकर.
1971
Ray Tomlinson ने सबसे पहला email send किया अपने को ही वो भी एक network के माध्यम से separate machines के द्वारा. उन्होंने जो message भेजा था वो उन्हें याद ही नहीं रहा. वो एक @ sign को चुना user को host से separate करने में – ये practice अभी भी email addresses में इस्तमाल की जाती है.
December 1, 1971
Michael Hart ने अपना समय व्यतीत किया Materials Research Lab, University of Illinois में public domain books और documents को store करने के लिए, जिससे की ये आगे free हो गया access करने के लिए. सबसे पहला document जिसे की type किया गया था वो था Declaration of Independence.
1974
Telenet को launch किया गया, जो की वप पहला pay-for-access Internet बना जो की public के लिए available था.
1980
Usenet को launch किया गया Tom Truscott और Jim Ellis के द्वारा. ये काम कर रहा था एक different protocol में existing networks के उस समय, और ये represent करता था Internet का earliest use एक source के हिसाब से public news और bulletin-board-style posts के लिए.
1983
MILNET को split off किया गया ARPANET से जो अब केवल एक military-only Internet के हिसाब से काम करने लगा. ये unclassified था और इसे ज्यादातर bases के बीच emails भेजने के लिए इस्तमाल किया गया.
January 1, 1983
ये वो ऐतिहासिक दिन था जब ARPANET को move किया गया TCP/IP में, एक suite of protocols जिसे की design किया गया था Robert Kahn और Vint Cerf के द्वारा. अब भी TCP/IP को Internet का language कहा जाता है.
1984
वहीं Domain Name System (DNS) को introduce किया गया, जिससे की Host को एक meaningful नाम प्राप्त हुआ न की कोई numerical address जिसे पहले इस्तमाल किया जाता था.
March 1989
Tim Berners-Lee ने एक proposal लिखा जो की बाद में World Wide Web बन गया. उन्हें खुद सभी चीज़ें करना पड़ा शुरुवात में, जैसे की documents के language को formalize करना (HTML), उन्हें access करने का protocols (HTTP) और पहला Web browser/editor को बनाना (जिसे की confusingly नामित किया गया था WorldWideWeb).
बाद में कई लोग इस project में जुड़े इसे और अधिक बढ़िया बनाने के लिये.
1991
1. Tim Berners-Lee ने launch किया पहला Web browser और Web page. ये Web page ने describe किया Web और HTML को, जो की दूसरों को allow किया अपने लिए और अधिक sites बनाने के लिए.
2. Gopher को release किया गया लोगों को Internet में search करने में मदद करने के लिए किसी specific content को एक menu-based interface का इस्तमाल कर. बाद में Gopher को replace किया गया algorithmic search engines जैसे की Google और directories जैसे की Yahoo से, लेकिन उस समय इसका मुख्य काम था Internet से information ढूंडना.
1993
Mosaic को release किया गया, जो की एक graphical Web था general public के लिए. Mosaic के एक creator, Marc Andreessen ने, Netscape Navigator बनाया और Internet के creation को influence किया , जो की अब सिर्फ text से आगे था.
October 1994
Netscape Navigator को released किया गया beta form में. इसका official version 1.0 release किया गया December में और ये browser पूरी दुनिया भर में popular बन गया World Wide Web के लिए.
1995
Secure sockets layer (SSL) encryption को introduce किया गया Netscape के द्वारा, जो की अब Online business को safe बना दिया credit cards इस्तमाल करने के लिए. इस innovation से e-commerce की शुरुवात होने में मदद मिल गयी.
September 15, 1997
Google.com को register किया गया एक domain के तोर पर. वहीँ इसका search engine सन 1998 में live हुआ और दोनों ही बड़े बन गए समय के साथ.
December 17, 1997
Jorn Barger ने इस term Web log को नामित किया जो की refer करता था online links के collection को, जिन्हें की उन्होंने “logged” किया Internet से. यह term को बाद में shortened किया गया “blog” में.
January 9, 2001
iTunes को launch किया गया. Apple’s online music store ने music industry को बदल के रख दी थी. जहाँ पर प्रत्येक individual tracks को 99 cents में बेचा जाता था.
February 2004
Facebook को launch किया गया एक Harvard dorm room से. इस social media site की करीब 5 million users से भी ज्यादा थी सन 2005 के end तक और इसने 2010 तक करीब 500 million users का user base बना दिया.
January 9, 2007
iPhone को unveiled किया गया, जिससे Phone Industry में smartphone का जन्म हुआ और Mobile Compution धीरे धीरे popular होने लगा.
July 7, 2009
Google ने announce किया Google Chrome OS project. ये एक open-source project था जो की focus था एक stable, fast OS बनाने के लिए जिसे की users के द्वारा एक client interface के तोर पर इस्तमाल किया Web-based applications के लिए न की application run करने के लिए local Computer में.
आज आपने क्या सिखा?
मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख इंटरनेट क्या है (what is Internet in Hindi) जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को इंटरनेट की परिभाषा के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है.
इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे. यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीचे comments लिख सकते हैं.
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